Ranchi: देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने के फैसले पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। यह निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया गया है, जिसने राज्य सरकार को तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा है। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच अजीत पीटर डुंगडुंग की पदस्थापना को लेकर सोरेन ने सोशल मीडिया पर भाजपा पर निशाना साधा है।
दलित और आदिवासी अधिकारियों पर हो रहा है अत्याचार
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा को दलित और आदिवासी अधिकारियों से परेशानी है। उन्होंने यह भी कहा कि अजीत पीटर डुंगडुंग जैसे आदिवासी आईपीएस अधिकारियों को निरंतर परेशान किया जा रहा है। उनका यह बयान भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाता है और यह जानने की इच्छा पैदा करता है कि भाजपा को आखिर दलितों और आदिवासियों से इतनी परेशानी क्यों है।
पूर्व डीसी का भी हुआ था स्थानांतरण
यहां यह उल्लेखनीय है कि देवघर के पूर्व डीसी, मंजूनाथ भजंत्री को भी आयोग की पहल पर पहले हटा दिया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान कुछ विवादित मामले सामने आए थे, जिसके चलते उन्हें रांची डीसी के पद से भी हटा दिया गया। अब देवघर एसपी के मामले में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है।
सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत का प्रभाव
सूत्रों के अनुसार, सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर अजीत पीटर डुंगडुंग को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देवघर से हटाया गया था। चुनाव संपन्न होने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें पुनः देवघर का एसपी बना दिया था। लेकिन अब विधानसभा चुनाव की दृष्टि से निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर उन्हें देवघर से हटाने का निर्णय लिया है।
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