‘जन सुराज’ पार्टी का गठन
Bihar News in Hindi: प्रशांत किशोर, जो पहले एक रणनीतिकार थे, अब राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने 2 अक्टूबर को ‘जन सुराज’ नामक पार्टी की घोषणा करने का निर्णय लिया है।
यह दिन महात्मा गांधी की जयंती भी है और किशोर का मानना है कि उनकी पार्टी बिहार में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होगी।
नीतीश कुमार पर सीधा हमला
किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार चार सेवानिवृत्त नौकरशाहों के हाथों में है।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार अब बदल गए हैं। वे केवल कुर्सी को बचाने में रुचि रखते हैं और लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हैं।”
2020 चुनावों का संदर्भ
प्रशांत किशोर ने याद दिलाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल (यू) की केवल 42 सीटें आई थीं।
उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की सलाह दी थी, लेकिन कुमार ने उनकी सलाह को नजरअंदाज करते हुए मुख्यमंत्री बनने का निर्णय लिया।
इस स्थिति को किशोर ने कुर्सी के प्रति कुमार के लगाव के रूप में प्रस्तुत किया।
बिहार की समस्याएँ और उनका समाधान

किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी चुनावी मुद्दों पर जोर देगी, जिसमें शराब, सर्वे (भूमि) और स्मार्ट मीटर शामिल हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि शराबबंदी केवल कागजों पर है और इसे असली स्थिति से हटाने की आवश्यकता है।
किशोर ने कहा, “जब हम 2025 में सरकार बनाएंगे, तो हम एक घंटे के भीतर शराबबंदी को खत्म कर देंगे।”
भाजपा और कांग्रेस पर आरोप
किशोर ने यह भी कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बिहार की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, “अगर लालू और नीतीश कुमार बिहार के विनाश के लिए जिम्मेदार हैं, तो भाजपा और कांग्रेस भी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।
वे दोनों ही लंबे समय से इन नेताओं का समर्थन कर रहे हैं।”
आने वाले चुनावों की तैयारी
किशोर का मानना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को व्यापक जीत मिलेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर हमारी पार्टी बहुमत से 10-15 सीटें कम लाती है, तो मैं अपनी हार स्वीकार करूंगा। लेकिन हम व्यापक जीत चाहते हैं।”
बीजेपी का भविष्य
किशोर ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को आगामी चुनावों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “लोगों को यह नहीं पता कि वर्तमान प्रदेश भाजपा प्रमुख कौन है। दस प्रतिशत नागरिक भी उन्हें पहचानते नहीं हैं।”
कुल मिलाकर, प्रशांत किशोर ने अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत के साथ एक स्पष्ट और साहसी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो आने वाले समय में बिहार की राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
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