रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने बड़ा मोर्चा खोल दिया है।
2019 के विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को याद दिलाने के लिए भाजयुमो के लाखों कार्यकर्ता आज मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
इससे पहले रांची के मोरहाबादी मैदान में राज्यभर से युवाओं के जुटने की संभावना है।
हालांकि, रैली से पहले प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिससे धरना, रैली और जनसभा पर रोक लगाई गई है।
रांची में लागू निषेधाज्ञा
रांची के अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत मोरहाबादी मैदान के 500 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
इस आदेश के तहत जनसभा, रैली, धरना, और पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है। साथ ही, लाउडस्पीकर बजाने पर भी रोक लगाई गई है।
यह आदेश शुक्रवार को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक प्रभावी रहेगा।
हेमंत सरकार पर अन्याय के आरोप
भाजपा ने हेमंत सरकार पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।
पार्टी का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने में सिर्फ कुछ महीने बचे हैं, और इसी डर के कारण सरकार इस तरह के कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री आवास का घेराव
सूत्रों के अनुसार, भाजयुमो के कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान से कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे और वहां घेराव करेंगे।
प्रशासन का कहना है कि इस तरह के धरना-प्रदर्शन से सरकारी कामकाज, यातायात और कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, इसलिए निषेधाज्ञा लागू की गई है।
डरे हुए मुख्यमंत्री का आरोप
इस बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सोरेन पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं को रांची पहुंचने से रोकने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कई बसों को जब्त कर लिया है, जिससे कार्यकर्ताओं को रांची आने में मुश्किल हो रही है।
उन्होंने हेमंत सोरेन को डरा हुआ मुख्यमंत्री बताया, जो न तो सरकार चला पा रहे हैं और न ही अपनी पार्टी को संभाल पा रहे हैं।
झामुमो सरकार पर गंभीर आरोप
भाजपा का दावा है कि हेमंत सोरेन के शासन में राज्य में अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 7812 हत्याएं, 7115 दुष्कर्म, 6937 अपहरण, 8792 दंगे, 2721 लूट और 485 डकैती जैसी घटनाएं हुई हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि घुसपैठिए आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं और हर जगह लूट मची हुई है।
जब भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने चुनावी वादों के बारे में पूछा, तो उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के दिन अब गिने-चुने हैं और जल्द ही झारखंड की जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी।
निष्कर्ष
हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भाजयुमो का यह प्रदर्शन आने वाले चुनावों से पहले सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
देखना होगा कि इस आक्रोश रैली के बाद राज्य की राजनीति में क्या बदलाव आते हैं।