रामगढ़ (झारखंड): झारखंड की ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने अपनी यूनिट नंबर 1 के वाणिज्यिक संचालन (Commercial Operation Date – COD) की औपचारिक घोषणा की है।
यह उपलब्धि न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत की बिजली आपूर्ति व्यवस्था (Power Supply System) को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
आधुनिक तकनीक से लैस है PVUNL की नई यूनिट
PVUNL की यह यूनिट अत्याधुनिक अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है, जो पारंपरिक तापीय संयंत्रों की तुलना में अधिक दक्षता और कम उत्सर्जन प्रदान करती है।
इसमें एयर कूल कंडेंसर प्रणाली का उपयोग किया गया है, जिससे पानी की खपत में काफी कमी आएगी। साथ ही, 100 प्रतिशत ड्राई ऐश हैंडलिंग सिस्टम (Dry Ash Handling System) के माध्यम से राख का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
यह यूनिट पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए सतत ऊर्जा उत्पादन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करती है।
सभी तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे
PVUNL प्रबंधन के अनुसार, यूनिट नंबर 1 ने सभी आवश्यक प्रदर्शन परीक्षण, लोड ट्रायल और स्थिरीकरण प्रक्रियाएं (Stabilization Process) सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं।
इन परीक्षणों के दौरान संयंत्र ने निर्धारित मानकों के अनुरूप उत्पादन क्षमता और विश्वसनीयता प्रदर्शित की।
अधिकारियों के अनुसार, इस सफलता के साथ PVUNL अब पूर्ण वाणिज्यिक संचालन मोड में आ गया है, जिससे राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
PVUNL के नेतृत्व और टीम की बड़ी उपलब्धि
वाणिज्यिक संचालन की घोषणा के अवसर पर PVUNL के सीईओ ए.के. सहगल, सीजीएम (प्रोजेक्ट) अनुपम मुखर्जी, जीएम (ऑपरेशन) मनीष क्षेत्रपाल, जीएम (टेक्निकल सर्विसेज) संगीता दाश, जीएम (मेंटेनेंस) ओ.पी. सोलंकी और जीएम (प्रोजेक्ट) विष्णु दत्ता दाश सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सीईओ सहगल ने इस सफलता को “टीमवर्क, तकनीकी दक्षता और दृढ़ संकल्प का परिणाम” बताया। उन्होंने कहा कि,
“हमारा लक्ष्य है कि यह यूनिट उच्च प्रदर्शन, सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के साथ दीर्घकालिक रूप से संचालित रहे, ताकि राज्य को निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।”
राज्य की बिजली व्यवस्था को मिलेगा बड़ा लाभ
PVUNL की इस यूनिट के शुरू होने से झारखंड राज्य को ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भरता (Power Self-Reliance) की दिशा में मजबूती मिलेगी।
राज्य में औद्योगिक इकाइयों और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी।
साथ ही, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को भी इस परियोजना से स्थिर आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि पतरातू संयंत्र की यह उपलब्धि झारखंड के बिजली उत्पादन ढांचे को नया आयाम देगी।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
PVUNL प्रबंधन ने बताया कि संयंत्र को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG Emission) और पानी की खपत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
यह यूनिट देश के सस्टेनेबल पावर जेनरेशन मॉडल (Sustainable Power Generation Model) की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बनेगी।