लोहरदगा में अवैध बालू परिवहन पर झारखंड पुलिस की बड़ी कार्रवाई
लोहरदगा: झारखंड के लोहरदगा ज़िले में बालू के अवैध परिवहन को लेकर झारखंड पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद एसपी हारिस बिन ज़मां ने स्वयं सड़क पर उतरकर जांच की और मौके पर अवैध रूप से बालू से लदे ट्रकों की आवाजाही को देखा। जांच के दौरान 9 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस महकमे के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि प्रशासनिक उदासीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अवैध बालू खनन पर कार्रवाई से मचा हड़कंप
रात के समय लोहरदगा शहर, सेन्हा, और भंडरा प्रखंडों में अवैध बालू खनन और ट्रांसपोर्टिंग की गतिविधियां तेज़ी से चल रही थीं। स्थानीय लोगों ने लगातार पुलिस प्रशासन से शिकायतें की थीं कि ट्रकों की आवाजाही और शोर से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इन क्षेत्रों में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी इन गतिविधियों को नज़रअंदाज़ कर रहे थे, जिसकी पुष्टि खुद एसपी ने मौके पर जाकर की।
SP ने खुद की पुष्टि, सख्त कदम उठाए
एसपी हारिस बिन ज़मां ने देर रात निरीक्षण कर अवैध बालू लदे ट्रकों को पुलिस की मौजूदगी में चलते देखा। इसके बाद उन्होंने तत्परता दिखाते हुए लोहरदगा, सेन्हा और भंडरा थाना क्षेत्र के कुल 9 पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। इन पुलिसकर्मियों को अब थाने में नियमित ड्यूटी से हटा दिया गया है। इस कदम से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
झारखंड पुलिस द्वारा अवैध बालू परिवहन पर सख्ती के संकेत
झारखंड पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि यह कार्यवाही भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि अवैध खनन नेटवर्क की पहचान कर, इसके खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन अब बालू माफियाओं, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, और भ्रष्ट तंत्र की विस्तृत निगरानी में जुट गया है।
लोहरदगा अवैध खनन पर प्रशासन की निगाहें तेज
यह मामला सिर्फ लोहरदगा तक सीमित नहीं रह गया है। झारखंड पुलिस अब राज्यभर में चल रहे अवैध बालू खनन रैकेट पर अपनी नज़र बनाए हुए है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, खनन माफिया और उनके संरक्षकों की पहचान कर, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
झारखंड में पुलिसकर्मियों की जवाबदेही पर सख्ती
यह कार्रवाई सिर्फ अवैध खनन के खिलाफ नहीं, बल्कि झारखंड पुलिस के आंतरिक तंत्र की जवाबदेही तय करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। एसपी की इस कार्यवाही ने यह साबित कर दिया है कि ड्यूटी में लापरवाही, चाहे किसी भी स्तर की हो, उसे अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा।