नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए (NDA) गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही चर्चाओं पर आखिरकार विराम लग गया है। दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन गई है। यह फैसला बिहार की राजनीतिक दिशा तय करने वाला माना जा रहा है, क्योंकि दोनों प्रमुख दलों ने लंबे मंथन के बाद साझा फार्मूले पर अंतिम मुहर लगाई है।
दिल्ली में हुई अहम बैठक में BJP-JDU की सहमति
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े, जदयू के वरिष्ठ नेता संजय झा, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, और भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित कई शीर्ष नेता मौजूद रहे।
बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे पर लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद दोनों प्रमुख दलों — भाजपा और जदयू — ने समान सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई।
NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनडीए गठबंधन में सीटों का वितरण इस प्रकार हुआ है:
- भारतीय जनता पार्टी (BJP) – 101 सीटें
- जनता दल यूनाइटेड (JDU) – 101 सीटें
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – 29 सीटें
- राष्ट्रीय लोकमोर्चा (RLSP) – 6 सीटें
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) – 6 सीटें
एनडीए नेताओं के अनुसार, यह वितरण “समान भागीदारी और सम्मानजनक प्रतिनिधित्व” को ध्यान में रखकर किया गया है।
सोशल मीडिया पर हुई औपचारिक घोषणा
पिछली बारों के विपरीत, इस बार एनडीए ने सीट बंटवारे की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर की।
भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े ने पोस्ट करते हुए लिखा,
“संगठित और समर्पित एनडीए परिवार ने सौहार्दपूर्ण माहौल में सीटों का वितरण पूरा कर लिया है। बिहार में एनडीए मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेगा।”
इसी तरह, जदयू के संजय झा, लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान, और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी इस फैसले की पुष्टि की।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज
इस समझौते के बाद अब एनडीए गठबंधन ने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
भाजपा और जदयू दोनों ही दलों के संगठनात्मक स्तर पर उम्मीदवार चयन, प्रचार रणनीति और स्थानीय समीकरणों को लेकर बैठकें तेज हो गई हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीट बंटवारे पर यह त्वरित सहमति एनडीए की एकजुटता का संकेत है और विपक्षी गठबंधन के लिए एक चुनौती भी।
चिराग पासवान की भूमिका पर नजर
लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को इस बार 29 सीटें मिलने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
जानकारों का मानना है कि चिराग की बढ़ी हुई भूमिका आगामी चुनाव में युवा मतदाताओं और दलित वर्ग को आकर्षित करने में अहम साबित हो सकती है।
NDA की एकजुटता बनाम विपक्षी गठबंधन
वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ की तरफ से अब तक सीट बंटवारे पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है।
एनडीए की त्वरित सहमति को विपक्षी देरी के मुकाबले राजनीतिक बढ़त के रूप में देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले के बाद भाजपा-जदयू का गठजोड़ बिहार में स्थिरता और नेतृत्व का संदेश देने में सफल रहा है।
राजनीतिक संकेत और भविष्य की रणनीति
विश्लेषकों के मुताबिक, दिल्ली बैठक में बनी यह सहमति केवल सीट बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार में एनडीए की एकजुट राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
भाजपा नेतृत्व ने साफ संकेत दिया है कि गठबंधन का मुख्य लक्ष्य 2025 के चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करना है।