देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल से एक दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां झारखंड निवासी एक मेडिकल छात्रा ने अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। यह घटना श्रीनगर स्थित एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज की है, जहां छात्रा पीजी प्रथम वर्ष में एनाटॉमी विभाग की पढ़ाई कर रही थी।

मेडिकल छात्रा का शव कमरे से बरामद, आत्महत्या की आशंका

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे छात्रा के हॉस्टल रूम का दरवाजा भीतर से बंद पाया गया। जब कई बार दस्तक देने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला, तो हॉस्टल के केयरटेकर ने कॉलेज प्रशासन को सूचित किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल श्रीकोट चौकी पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर छात्रा का शव कमरे से बरामद किया।

सुसाइड नोट नहीं मिला, झारखंड से जुड़ी है छात्रा की पहचान

पुलिस द्वारा कमरे की तलाशी के दौरान कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। छात्रा की पहचान झारखंड निवासी के रूप में हुई है, जो एनाटॉमी विभाग में पीजी की पढ़ाई कर रही थी। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. राकेश रावत और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल द्विवेदी मौके पर पहुंचे और मामले की पुष्टि की।

कॉल डिटेल और मोबाइल डेटा से जांच तेज

पुलिस ने छात्रा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि छात्रा के फोन पर बार-बार घर से कॉल आ रहे थे, लेकिन किसी भी कॉल का जवाब नहीं मिला। इससे पहले छात्रा एक निर्धारित सेमिनार में भी उपस्थित नहीं हुई थी, जिससे संदेह गहरा गया।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव, झारखंड स्थित परिजनों को दी गई सूचना

मेडिकल छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और हॉस्टल के उस कमरे को सील कर दिया गया है जिसमें घटना हुई। झारखंड में छात्रा के परिजनों को सूचना दे दी गई है, और उन्हें उत्तराखंड बुलाया जा रहा है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे के संभावित कारणों को स्पष्ट किया जा सके।

कॉलेज प्रशासन और पुलिस जुटे जांच में

कॉलेज प्रशासन और उत्तराखंड पुलिस मिलकर घटना से जुड़ी हर पहलू की पड़ताल कर रहे हैं। अब तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन छात्रा की मानसिक स्थिति, शैक्षणिक दबाव या व्यक्तिगत समस्याओं के एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि छात्रा की कॉल हिस्ट्री और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जाएगी।

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