रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) अपीलीय ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया है कि सोरेन की जब्त की गई BMW कार को तत्काल रिहा किया जाए। यह कार कथित भूमि घोटाला (Land Scam Case) से जुड़े छापे के दौरान जब्त की गई थी।
PMLA ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वी.के. माहेश्वरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ईडी (Enforcement Directorate) द्वारा जब्त की गई लग्जरी BMW कार को अब और नहीं रोका जा सकता। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई नया सबूत सामने आता है, तो ईडी को दोबारा कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने 29 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Investigation) के तहत छापा मारा था। उस दौरान एजेंसी ने BMW कार सहित कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे। इनमें से अधिकांश वस्तुएं ईडी ने पहले ही 22 मई 2025 के आदेश के तहत लौटा दी थीं। हालांकि BMW कार की रिहाई को लेकर मामला ट्रिब्यूनल में लंबित था।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि ईडी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों और दलीलों में कार की जब्ती को जारी रखने का कोई ठोस आधार नहीं है। साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया कि जांच एजेंसी को निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए और किसी भी निजी संपत्ति की जब्ती को कानूनी दायरे में रखना चाहिए।
यह आदेश हेमंत सोरेन के लिए राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भूमि घोटाला मामले में उन पर लगे आरोपों को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेताओं ने इस फैसले को न्यायिक प्रक्रिया में भरोसे की जीत बताया है।
गौरतलब है कि ईडी की जांच झारखंड में कथित रूप से फर्जी भूमि दस्तावेजों और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से जुड़ी है। इस मामले में कई अधिकारी, भू-माफिया और मध्यस्थों के नाम सामने आए हैं। हालांकि, हेमंत सोरेन ने लगातार कहा है कि यह मामला “राजनीतिक प्रतिशोध” से प्रेरित है और वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।