रांची। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स संरचना को सरल बनाने के लिए अहम निर्णय लिया गया है। परिषद ने 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को समाप्त करते हुए अब सिर्फ दो दरें– 5% और 18% लागू करने पर सहमति जताई है। इस फैसले को लेकर झारखंड भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे “दीपावली से पहले जीएसटी में नेक्स्ट जनरेशन सुधार” बताया है।

जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव : 5% और 18% स्लैब लागू

बैठक के बाद मिली जानकारी के अनुसार, अब स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगने वाला जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। वहीं कई आवश्यक वस्तुओं के दाम घटेंगे, जिससे सीधे तौर पर आम आदमी, गरीब, मिडिल क्लास और छोटे-बड़े कारोबारियों को राहत मिलेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम जीएसटी प्रणाली को और पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।

बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया : अर्थव्यवस्था को मिलेगा लाभ

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला है। उन्होंने लिखा, “जीएसटी दरों को केवल दो स्लैब तक सीमित करना और स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर टैक्स हटाना वास्तव में आम नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा है।”
मरांडी ने आगे कहा कि इस सुधार से न केवल कारोबारियों का बोझ घटेगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी।

दीपावली से पहले जीएसटी सुधार : आम जनता को सीधी राहत

आर्थिक विश्लेषकों के मुताबिक, जीएसटी स्लैब में कटौती से कई वस्तुओं के दाम कम होंगे। इससे त्योहारी सीजन में बाजार की रौनक बढ़ेगी और उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि यह नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार टैक्स व्यवस्था को अधिक सरल और सहज बनाएगा।

कारोबारी जगत की प्रतिक्रिया

व्यापार जगत ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। छोटे और मझोले उद्योगों (SMEs) का कहना है कि टैक्स संरचना सरल होने से अनुपालन में आसानी होगी और लागत घटेगी। वहीं खुदरा कारोबारियों का मानना है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी हटने से लोगों का रुझान बीमा की ओर बढ़ेगा।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version