हजारीबाग : जिला समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की धीमी प्रगति को लेकर उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है। समाहरणालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि लाभार्थी-आधारित योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन प्रखंडों में कार्य संतोषजनक नहीं हैं, उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।

समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में DC का सख्त रुख

समाहरणालय सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने की। बैठक में समाज कल्याण और सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने योजनाओं के निष्पादन में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि “सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों में नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए।”

इन योजनाओं की हुई समीक्षा

बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), पोषण अभियान, कुपोषित बच्चों की पहचान, उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा हुई।
साथ ही पोषण ट्रैकर ऐप में लाभार्थियों का आधार सत्यापन, एमटीसी (MTC) केंद्रों में रिक्त बेड और समर अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

उपायुक्त ने दिए कड़े निर्देश

डीसी ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि योजनाओं में सुस्ती या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से लक्ष्य पूरे करें, ताकि लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंच सके।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहकर मैदान स्तर पर योजनाओं की मॉनिटरिंग करें और साप्ताहिक रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजें।

उपायुक्त ने कहा —

“योजनाओं का उद्देश्य गरीब, जरूरतमंद और समाज के वंचित वर्गों तक सहायता पहुंचाना है। इसमें देरी या लापरवाही सीधे जनता के हितों को प्रभावित करती है।”

आंगनबाड़ी और कन्यादान योजना में तेजी लाने के निर्देश

बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। डीसी ने कहा कि केंद्रों में पोषण सामग्री की उपलब्धता, बच्चों का नियमित वजन माप और लाभार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत योग्य लाभार्थियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें योजना का लाभ देने का निर्देश दिया।

डीसी ने यह भी कहा कि विभाग पोषण ट्रैकर ऐप पर डेटा अपडेट करे और जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सक्रिय नहीं हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

नियमित निरीक्षण और रिपोर्टिंग पर जोर

बैठक में उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र भ्रमण (Field Visit) को प्राथमिकता दें और योजनाओं की प्रगति का प्रत्यक्ष मूल्यांकन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में गड़बड़ी या ठहराव मिलने पर तुरंत रिपोर्ट जिला मुख्यालय को दी जाए।
इसके अलावा उन्होंने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रखंड में समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

एमटीसी केंद्रों में रिक्त बेड पर जताई नाराजगी

डीसी ने मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग (MTC) केंद्रों में रिक्त बेड और संसाधनों की अनुपलब्धता पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि केंद्रों का उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सशक्त बनाना है, इसलिए इन केंद्रों में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

उपस्थित अधिकारी और विभागीय भागीदारी

बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा, बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO), प्रखंड विकास पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर और विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में योजनाओं की रफ्तार बढ़ाने और नियमित मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया।

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