Ranchi : एक ओर 23 और 24 दिसंबर को स्थानीय स्वशासन दिवस मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हेमंत सरकार ने स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पेसा रूल को मंजूरी दे दी गई. इस प्रस्ताव पर करीब एक घंटे तक गहन मंथन, सलाह और परामर्श हुआ. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी मंत्रियों की बातों को गंभीरता से सुना और समझने के बाद इस नियमावली को हरी झंडी दी.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कैबिनेट के समक्ष पेसा रूल का प्रस्ताव रखा. उन्होंने स्पष्ट किया कि हर राजस्व ग्राम में केवल एक ही ग्राम सभा होगी, भले ही समितियां कितनी भी हों. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में सहमति बनी. मंत्री चमरा लिंडा ने भी मंत्रियों की सलाह को स्वीकार करते हुए समर्थन दिया, जिसके बाद पेसा रूल को पारित कर दिया गया. झारखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस निर्णय को दिशोम गुरु को समर्पित किया गया.
ग्राम सभा को मिलेंगे व्यापक अधिकार
पंचायती राज सचिव ने बताया कि पेसा रूल के तहत ग्राम सभा को जिम्मेदारी के साथ अधिकार दिए जाएंगे. खनन, भूमि अधिग्रहण और विभिन्न विकास योजनाओं में ग्राम सभा की भूमिका सुनिश्चित की गई है. गांव के जल संसाधनों के प्रबंधन, लघु वन उत्पादों के नियंत्रण और स्थानीय संस्थानों की निगरानी में भी ग्राम सभा को निर्णायक भूमिका मिलेगी. इससे ग्राम सभाएं और अधिक सशक्त होंगी और स्थानीय स्वशासन को मजबूती मिलेगी.
पेसा नियमावली के तहत ग्राम सभा को मिलने वाले प्रमुख अधिकार
ग्राम सभा की अधिसूचना
पंचायती राज विभाग ग्राम सभा को नोटिफाई करेगा.
अनुसूचित क्षेत्रों में उपायुक्त ग्राम सभा की अधिसूचना जारी करेंगे.
सार्वजनिक सूचना और आपत्तियों के निपटारे के बाद ग्राम सभा पूरी तरह क्रियाशील होगी.
लघु खनिज पर अधिकार
बालू, मोरम और मिट्टी पर ग्राम सभा का अधिकार होगा.
ग्रेड वन घाटों पर पूर्ण नियंत्रण ग्राम सभा के पास रहेगा.
बालू से प्राप्त राजस्व का उपयोग गांव के विकास कार्यों में किया जाएगा.
जल क्षेत्र पर नियंत्रण
एक हेक्टेयर से कम जल क्षेत्र पर ग्राम सभा का नियंत्रण होगा.
मत्स्य पालन और मछली उपयोग से जुड़े निर्णय ग्राम सभा लेगी.
शराब दुकान
ग्राम सभा की अनुमति के बिना शराब की दुकान नहीं खुल सकेगी.
छोटे अपराधों की सुनवाई
बैल चोरी, गाय चोरी और घर से चोरी जैसे छोटे अपराधों की सुनवाई ग्राम सभा करेगी.
पारंपरिक न्याय व्यवस्था के तहत दो हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा.
गिरफ्तारी की सूचना
किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस को ग्राम सभा को देनी होगी.
स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र
गांव के स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी ग्राम सभा करेगी.
शिक्षकों और चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर कार्रवाई की अनुशंसा कर सकेगी.
कोरम व्यवस्था
बैठक में कम से कम एक तिहाई सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी.
निर्णय के लिए 50 प्रतिशत से अधिक सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा.
ग्राम सभा की बैठक
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार बैठक होगी.
आम सहमति न बनने पर मतदान के जरिए निर्णय लिया जाएगा.
विवाद समाधान
किसी विवाद की स्थिति में उपायुक्त तय समय सीमा के भीतर निर्णय देंगे.

