झारखंड में श्रद्धांजलि सभाओं के साथ मनाया गया बिरसा मुंडा शहादत दिवस

रांची: झारखंड के आदिवासी स्वाभिमान और स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर आज पूरे राज्य में बिरसा मुंडा शहादत दिवस श्रद्धा, सम्मान और जनसंवेदना के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची के बिरसा चौक और कोकर स्थित समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर महान स्वतंत्रता सेनानी को नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी सहित कई मंत्री और पदाधिकारी उपस्थित रहे।

धरती आबा के बलिदान को याद करते हुए सीएम सोरेन ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा अमर रहें! उनके बलिदान दिवस पर शत-शत नमन। झारखंड के वीर शहीद अमर रहें! जय बिरसा! जय झारखंड! उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते।”
इस संदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को धरती आबा की विरासत को संभालने और आदिवासी समाज के संघर्षों को याद रखने की प्रेरणा दी।

बिरसा चौक और समाधि स्थल पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम, उमड़ी लोगों की भीड़

बिरसा चौक रांची पर सुबह से ही श्रद्धांजलि अर्पण के लिए जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, छात्र संगठनों और आम नागरिकों की भीड़ उमड़ पड़ी। समाधि स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पारंपरिक नृत्य के माध्यम से बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान को रेखांकित किया गया।

राज्यभर में राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

झारखंड के विभिन्न जिलों—जैसे गुमला, लोहरदगा, खूंटी, चाईबासा और दुमका—में भी बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर जनसभाएं, प्रभात फेरियां और विचार गोष्ठियां आयोजित की गईं। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने धरती आबा को स्मरण करते हुए बलिदान दिवस पर शपथ ली कि वे उनके दिखाए मार्ग पर चलेंगे और आदिवासी समाज के हक-अधिकारों की रक्षा करेंगे।

बिरसा मुंडा: आदिवासी अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक

भगवान बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 19वीं सदी के उत्तरार्ध में ब्रिटिश शासन और ज़मींदारी व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन किया था। मुंडा विद्रोह के नेता के रूप में उन्होंने आदिवासी समाज को धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक शोषण के विरुद्ध संगठित किया। उनका जीवन आज भी देशभर के आदिवासी समुदायों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

शहादत दिवस पर स्कूली बच्चों और युवाओं की विशेष भागीदारी

राज्य के कई शैक्षणिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला प्रदर्शनी, भाषण प्रतियोगिता और क्विज कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूली बच्चों ने बिरसा मुंडा के जीवन, विचार और आंदोलन पर आधारित प्रस्तुतियां दीं। इन आयोजनों के माध्यम से नई पीढ़ी को झारखंड के नायक की ऐतिहासिक भूमिका से अवगत कराया गया।

मुख्यमंत्री ने की युवाओं से सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की अपील

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है, और आज के युवाओं को उनके आदर्शों से सीख लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार बिरसा मुंडा की विरासत को संरक्षित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जिसमें स्मारक स्थलों का विकास, शोध संस्थानों की स्थापना और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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