Patna: बिहार में मतदाता पुनरीक्षण (Voter List Revision) को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। राज्य से लेकर दिल्ली तक विपक्षी दलों ने SIR (Special Summary Revision) के खिलाफ विरोध तेज कर दिया है। इसी बीच राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

भाजपा पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप

तेजस्वी यादव ने कहा कि CBI और ED पहले चुनावों में भाजपा के लिए इस्तेमाल की जाती थीं। जब ये एजेंसियां जनता की नजर में बेअसर हो गईं, तो अब भाजपा चुनाव आयोग को मोहरा बनाकर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग पर राजनीतिक औजार के रूप में काम करने और वोटर सूची में गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगाए।

वोट की चोरी नहीं, वोट की डकैती हो रही

तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित SIR मामले का हवाला देते हुए कहा कि कई ऐसे लोगों के नाम मृतकों की सूची में डाल दिए गए हैं, जो अभी भी जीवित हैं। उन्हें अदालत में भी पेश किया गया है। राजद नेता ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि जिसे लोग वोट की चोरी समझ रहे हैं, वह असल में भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा की जा रही वोट की डकैती है।

चुनाव आयोग और BJP की गुप्त साठगांठ

तेजस्वी यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें 10 सीटों पर केवल 12,000 मतों के अंतर से हराया गया। उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ धांधली पकड़े जाने के बाद चुनाव आयोग ने CCTV कैमरे हटवा दिए।

मतदाता सूची में असामान्य बदलाव और EPIC कार्ड का दुरुपयोग

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि गुजरात के कुछ वोटर अब बिहार में पंजीकृत हैं। इसके अलावा भाजपा समर्थकों को एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो-दो EPIC कार्ड जारी किए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी के पास भी दो EPIC आईडी हैं।

गरीब मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं

तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी मतदाता और गरीब लोगों को मृत बताकर वोटर सूची से नाम हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे भाजपा और चुनाव आयोग की गुप्त साठगांठ का हिस्सा बताया और कहा कि इससे लोकतंत्र को गंभीर चोट पहुँच रही है।

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