रांची: झारखंड हाई कोर्ट में कोडरमा के चर्चित हत्याकांड के आरोपी गांगो दास की फांसी की सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। हाई कोर्ट ने गांगो दास की क्रिमिनल अपील और राज्य सरकार द्वारा फांसी की सजा को कंफर्म करने के लिए दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
घटना का विवरण
यह जघन्य घटना 26 नवंबर 2019 को कोडरमा के नवलशाही थाना क्षेत्र में घटी थी। आरोपी गांगो दास ने शराब के नशे में अपनी गर्भवती पत्नी शीला देवी, उनके गर्भ में पल रहे सात माह के बच्चे, अपनी मां शांति देवी, बेटी राधिका (4 वर्ष), बेटे पीयूष (2 वर्ष), और भतीजी नीतिका (7 वर्ष) की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
घटना की शुरुआत
- घटना रात 9:45 बजे शुरू हुई जब गांगो दास शराब के नशे में चाकू और रॉड लेकर अपनी पत्नी से झगड़ने लगा।
- गुस्से में उसने पहले अपनी पत्नी शीला देवी पर हमला किया और फिर बेटी राधिका और बेटे पीयूष पर चाकू और रॉड से वार कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
- चीख-पुकार सुनकर बचाव के लिए आई उसकी मां शांति देवी और भतीजी नीतिका कुमारी पर भी हमला किया, जिससे उनकी भी मौत हो गई।
अन्य घायलों का हाल
- आरोपी ने अपनी दूसरी भतीजी चांदनी कुमारी को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर किया गया।
स्थानीय लोगों की भूमिका
घटना के दौरान आरोपी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और बाहर मौजूद लोगों को जान से मारने की धमकी दी। स्थानीय निवासियों ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन घायलों को बचाया नहीं जा सका।
निचली अदालत का फैसला
अक्टूबर 2024 में, कोडरमा की निचली अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई। साथ ही, आरोपी पर ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया गया।
हाई कोर्ट में अपील
गांगो दास ने फांसी की सजा के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में अपील दायर की। राज्य सरकार ने भी फांसी की सजा को बनाए रखने के लिए क्रिमिनल अपील दायर की।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। झारखंड के इतिहास के इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। अब सभी की नजरें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो न्याय प्रक्रिया का महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।