रांची/बुंडू: अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में कुर्मी समाज को शामिल करने की मांग के विरोध में झारखंड का आदिवासी समाज एकजुट हो गया है। इसको लेकर बुंडू में आगामी 31 अक्टूबर 2025 को आक्रोश रैली आयोजित की जाएगी।

आदिवासी समाज की बैठक में बना रणनीति पर सहमति

बुंडू के जादूर अखड़ा भवन दिउड़ी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता ललिन सिंह मुंडा (बांड़ोवा) ने की, जबकि संचालन सिदाम सिंह मुंडा ने किया। इस बैठक में लोहरा समाज, पुरान समाज, मुंडा समाज, पातर मुंडा समाज सहित कई आदिवासी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कुर्मी/कुड़मी/महतो समाज को एसटी सूची में शामिल करने की मांग गैर-न्यायसंगत है और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

आक्रोश रैली के जरिए दिया जाएगा संदेश

बैठक में कहा गया कि बुंडू में होने वाली आक्रोश रैली आदिवासी समाज की एकता और विरोध का बड़ा प्रदर्शन होगी। इसमें विभिन्न जिलों और समुदायों के लोग शामिल होंगे। नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ सामाजिक अस्तित्व का ही नहीं, बल्कि संवैधानिक हक की रक्षा का भी सवाल है।

संयोजक मंडली और आगे की कार्ययोजना

इससे पहले 28 सितंबर को पांचपरगना आदिवासी समाज, झारखंड मुंडा समाज, आदिवासी सेवा संस्था, आदिवासी छात्र संघ और पांचपरगना छात्र संघ के संयुक्त तत्वावधान में हुई बैठक में संयोजक मंडली का गठन किया गया था। इस मंडली ने आंदोलन को व्यवस्थित और संगठित करने की जिम्मेदारी ली है।

संयोजक मंडली की अगली बैठक 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे आदिवासी भवन ताऊ में होगी। इसमें रैली की तैयारियों और आगे की रणनीति पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।

आंदोलन को लेकर बढ़ी हलचल

झारखंड में कुर्मी समाज की एसटी मांग को लेकर पिछले कई महीनों से बहस तेज है। आदिवासी समाज का कहना है कि यह मांग ऐतिहासिक और संवैधानिक मानकों के खिलाफ है। वहीं, आगामी रैली को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलचल भी बढ़ गई है, क्योंकि यह मुद्दा आने वाले समय में राज्य की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है।

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