सिमडेगा (झारखंड) – झारखंड के सिमडेगा जिले में वज्रपात की चपेट में आने से दो चचेरे भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दुखद घटना जलडेगा थाना क्षेत्र के लोम्बोई बांदीसेमर गांव में उस समय हुई जब तीनों व्यक्ति खेत की जुताई का कार्य कर रहे थे।
वज्रपात से दो युवकों की मौत, खेत की मेड़ पर गिरा आकाशीय बिजली का कहर
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान सुरेश गोंड और राजकिशोर गोंड के रूप में हुई है, जो आपस में चचेरे भाई थे। खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर को टिनगीना गांव से किराए पर मंगवाया गया था, जिसे राजकिशोर खुद चला रहे थे। खेत में कार्य के दौरान अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे बचने के लिए तीनों लोग खेत छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे थे।
इसी दौरान खेत की मेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आकर सुरेश और राजकिशोर की मौके पर ही मौत हो गई। उनके साथ मौजूद ट्रैक्टर मालिक रमेश साय गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
बारिश के बीच घटी घटना, खेत में मिला शव
हादसे के वक्त तेज बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया था। स्थानीय ग्रामीणों ने रमेश साय की चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को खेत से बाहर निकाला। इसके बाद घटना की जानकारी जलडेगा थाना को दी गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की और शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिमडेगा सदर अस्पताल भेजा।
वज्रपात से मौतों का सिलसिला जारी, प्रशासन से सुरक्षा उपायों की मांग
सिमडेगा समेत पूरे झारखंड में वज्रपात से होने वाली घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में आकाशीय बिजली गिरने से ग्रामीण इलाकों में कई लोगों की जान जा चुकी है। खेतों में काम करते समय सावधानी न बरतने पर ये घटनाएं और अधिक घातक साबित हो रही हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से वज्रपात से बचाव के लिए ठोस उपाय और जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना, खेतों में काम के दौरान बिजली गिरने के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
ट्रैक्टर सहित अन्य संपत्तियां क्षतिग्रस्त, ग्रामीणों में भय का माहौल
वज्रपात की तीव्रता इतनी अधिक थी कि न सिर्फ दो युवकों की जान चली गई, बल्कि पास में खड़े ट्रैक्टर को भी नुकसान पहुंचा है। घटना के बाद से पूरे गांव में गहरा शोक और भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते तो शायद यह हादसा टल सकता था।
सिमडेगा में वज्रपात की घटनाएं बनीं चिंता का विषय
झारखंड में मानसून के दौरान वज्रपात की घटनाएं लगातार चिंता का कारण बनी हुई हैं। सिमडेगा, गुमला, लातेहार जैसे जिलों में विशेष रूप से खुले इलाकों में कार्यरत लोगों को अधिक खतरा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून के सक्रिय रहने के दौरान बादलों में बिजली का प्रवाह सामान्य है, लेकिन यह ग्रामीण जीवन के लिए घातक बनता जा रहा है।
प्राथमिक रिपोर्ट में वज्रपात की पुष्टि, प्रशासन कर रहा मुआवजे की प्रक्रिया
जलडेगा थाना प्रभारी के अनुसार, प्राथमिक रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई है कि मृतकों की मौत वज्रपात से ही हुई है। मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से आपदा राहत कोष से मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। साथ ही घायल रमेश साय के इलाज की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने ली है।
इसे भी पढ़ें
Ranchi News: रांची में स्कूल की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत, एक गंभीर रूप से घायल
