रांची: झारखंड की राजनीति के दिग्गज और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर सोमवार शाम बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची पहुंचे। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ था। पूरे झारखंड में शोक की घनघोर छाया है। राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

रांची एयरपोर्ट पर भारी भीड़, ‘शिबू सोरेन अमर रहें’ की आवाज गूंजे

शाम लगभग 6:40 बजे जब विमान रांची एयरपोर्ट पर उतरा, तो विमानतल पर भारी जनसमूह उमड़ पड़ा। समर्थक, स्थानीय लोग और नेता ‘शिबू सोरेन अमर रहें’ के नारे लगाते हुए श्रद्धांजलि देने आए। एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल भवन (पोर्टिको) को विशेष रूप से सजाया गया था, जहां लोग भावभीनी नजरों से पार्थिव शरीर को देखने के लिए एकत्रित थे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व परिवार के सदस्य मौजूद

इस दुखद अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन विमानतल पर मौजूद थे। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों से मिले। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को सहानुभूति देते हुए समंभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए।

विमानतल से मोरहाबादी आवास, अंतिम दर्शन के इंतजाम

पार्थिव शरीर एयरपोर्ट से मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास तक पहुंचाया गया। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मार्ग को सुरक्षित रखा गया था। आवास पर अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू हो गया। वहां पर शव को विशेष रूप से सजाए गए स्थल पर रखा गया है।

शोक की लहर: राज्यभर में जारी श्रद्धांजलियां

शिबू सोरेन के निधन की खबर से झारखंड के कोने-कोने में शोक की लहर फैल गयी है। आदिवासी समाज, राजनीतिक दल, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता सभी ने अपने-अपने स्तर पर श्रद्धांजलि दी। तीन दिन का राजकीय शोक लागू होने के कारण सरकारी कार्यालय बंद हैं और राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका रखा गया है।

CM हेमंत सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने सदैव आदिवासियों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उनका जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने यह भी कहा कि अब उनके आंदोलन और दृष्टि को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सभी की है।

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