Saraikela-Kharsawan : झारखंड में कुड़मी समुदाय के आंदोलन के खिलाफ आदिवासी संगठनों का विरोध और तेज हो गया है। सरायकेला-खरसावां जिले के सभी प्रखंडों से हजारों आदिवासी पारंपरिक परिधानों और हथियारों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे। आदिवासी नेताओं ने जिला प्रशासन को मांग पत्र सौंपते हुए स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कुड़मी समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिया गया, तो कोल्हान क्षेत्र में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।

कुड़मी आंदोलन और आदिवासी विरोध की पृष्ठभूमि

कुड़मी समुदाय लंबे समय से एसटी (अनुसूचित जनजाति) सूची में शामिल किए जाने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान देने की मांग कर रहा है। इसी को लेकर हाल ही में “रेल टेका–डहर छेका” आंदोलन आयोजित किया गया था। इस दौरान रेल परिचालन बाधित हुआ और सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा।

इसी आंदोलन के विरोध में आदिवासी समुदाय ने सरायकेला में एकजुट होकर रैली निकाली और कहा कि कुड़मी समुदाय द्वारा की जा रही मांगें न तो संवैधानिक हैं और न ही ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित।

आदिवासी संगठनों का आरोप और चेतावनी

रैली में शामिल आदिवासी नेताओं ने कहा कि कुड़मी आंदोलन झारखंड के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की साजिश है। नेताओं ने आरोप लगाया कि संविधान की गलत व्याख्या कर कुड़मी खुद को आदिवासी घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं।

नेताओं ने यह भी चेताया कि अगर सरकार इस मांग पर विचार करती है, तो झारखंड में “मणिपुर जैसी स्थिति” उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोल्हान क्षेत्र के आदिवासी अब एकजुट हो रहे हैं और क्षेत्र से निकलने वाले खनिज संसाधनों की ढुलाई पर रोक लगा सकते हैं।

जिला प्रशासन को सौंपा गया मांग पत्र

प्रदर्शनकारियों ने सरायकेला के उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा। इसमें साफ कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में कुड़मी समुदाय को आदिवासी का दर्जा स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही सरकार को आगाह किया गया है कि यदि इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन होगा और आर्थिक नाकेबंदी के जरिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।

कोल्हान क्षेत्र में बढ़ सकती है तनाव की स्थिति

कोल्हान क्षेत्र में आदिवासी संगठन पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। आदिवासी नेताओं ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में रेलवे लाइन और उद्योगों से जुड़े परिवहन कार्यों को रोकने की रणनीति तैयार की जा रही है। आंदोलन की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर हैं।

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