“मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया। हमने उसे हिंदू या मुसलमान बनाया। कुदरत ने तो बख्शी थी हमें एक ही धरती। हमने कहीं भारत कहीं ईरान बनाया।”

रफी साहब की आवाज़ में ये बहुत मार्मिक गीत मनमोहन कृष्ण जी पर ही फिल्माया गया था। लगभग चार दशक लंबे अपने करियर में मनमोहन कृष्ण जी या तो गरीब इंसान के किरदार में नज़र आए। या फिर एक जेंटलमैन और सभ्य इंसान के रूप में। चंद फिल्मों में ये पुलिस अफसर भी बने थे।

आज मनमोहन कृष्ण जी का जन्मदिवस है। 26 फरवरी 1921 को लाहौर में मनमोहन कृष्ण जी का जन्म हुआ था।

एक्टिंग जगत में आने से पहले मनमोहन कृष्ण टीचिंग के पेशे में थे। इन्होंने फिजिक्स में एमएससी किया था। और एक कॉलेज में लेक्चरर हुआ करते थे। एक इंटरव्यू में मनमोहन जी ने बताया था कि जब ये अभिनेता बने तो उस वक्त कुछ अखबारों ने हैरत जताते हुए लिखा था कि कॉलेज का प्रोफेसर नौकरी छोड़कर एक्टर बन गया है।

ये वो ज़माना था जब फिल्मों में अच्छे घरों के लोग भी आने लगे थे। लेकिन समाज का एक बड़ा हिस्सा फिल्मों में काम करने को अच्छी बात नहीं मानता था। वैसे इनके बारे में ये बात भी जानने लायक है कि इन्होंने रेडियो में नौकरी पाने का भी काफी प्रयास किया था। लेकिन इन्हें वहां नौकरी मिल नहीं सकी थी।

फिर एक वक्त वो आया जब ये रेडियो टेलिविज़न इंजीनियरिंग करने का इरादा लेकर मुंबई के एक संस्थान में अप्लाय करने पहुंचे।

उस संस्थान के ज़रिए मेधावी छात्रों को अमेरिका में रेडियो टेलिविज़न इंजीनियरिंग करने भेजा जाता था। चूंकि मनमोहन कृष्ण जी गाते भी बहुत अच्छा थे। तो एक दिन ये मुंबई में अपने किसी परीचित की पार्टी में गाना गा रहे थे। जैसे ही इनका गाना खत्म हुआ, एक आदमी इनके पास आया और उसने इनसे पूछा कि तुम क्या करते हो।

इन्होंने अपने बारे में सब बताया। इनकी बात सुनकर उस आदमी ने कहा कि तुम्हें नहीं लगता तुम कुछ और करने के लिए पैदा हुए हो।

मनमोहन जी इस बात का कोई जवाब देते कि तभी जिनके घर पार्टी हो रही थी वो इनके पास आए और बोले,’मनमोहन जी जानते हैं आप किससे बात कर रहे हैं।’

मनमोहन जी ने अनभिज्ञता जताते हुए कह दिया कि मैं तो नहीं जानता ये साहब कौन हैं।’ तब मनमोहन जी को जवाब मिला कि ये देश के बहुत बड़े फिल्मकार वी.शांताराम जी हैं।

ये जानकर मनमोहन कृष्ण बहुत खुश हुए। शांताराम जी ने इनसे कहा कि कल मेरे स्टूडियो आकर मिलो।

अगले दिन मनमोहन कृष्ण वी.शांताराम जी के ऑफिस पहुंचे। वो तारीख थी 15 दिसंबर 1945. और उस तारीख को मनमोहन कृष्ण जी लेक्चरर से एक्टर बन गए।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version