रांची/दिल्ली : गोड्डा जिले में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए सूर्या हांसदा के परिजनों ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सूर्या की पत्नी सुशीला मुर्मू और मां नीलमुनी मुर्मू ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है।

हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्जी दाखिल

याचिका में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है, जिनमें मुख्य सचिव, गृह सचिव, झारखंड पुलिस महानिदेशक (DGP), गोड्डा एसपी और देवघर एसपी शामिल हैं। परिजनों का कहना है कि एनकाउंटर की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सिर्फ CBI ही कर सकती है। यह याचिका अधिवक्ता कुमार हर्ष के माध्यम से दाखिल की गई है।

सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी और एनकाउंटर की घटना

गोड्डा पुलिस ने 10 अगस्त को सूर्या हांसदा को देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के एक दिन बाद यानी 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र स्थित ललमटिया धमनी पहाड़ में पुलिस मुठभेड़ के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि सूर्या को पहले गिरफ्तार किया गया और फिर पुलिस ने एनकाउंटर का रूप देते हुए उसकी हत्या कर दी।

सूर्या हांसदा का राजनीतिक सफर

सूर्या हांसदा का राजनीति से गहरा जुड़ाव रहा है। वह बोरियो विधानसभा से अब तक चार बार चुनाव लड़ चुका था, हालांकि जीत नहीं मिली।

  • 2009 और 2014 में उसने झारखंड विकास मोर्चा (JVM) से चुनाव लड़ा।
  • 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरा और दूसरे स्थान पर रहा।
  • 2024 में भाजपा से टिकट न मिलने पर उसने पार्टी छोड़ दी और JLKM पार्टी से चुनाव लड़ा।

हालांकि, किसी भी चुनाव में वह विधानसभा तक नहीं पहुंच पाया।

आपराधिक मामलों में नामजद था सूर्या हांसदा

एनकाउंटर से कुछ समय पहले तक सूर्या हांसदा पर कई गंभीर आरोप दर्ज थे। साहिबगंज के मिर्जा चौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में उसके खिलाफ आपराधिक मामलों में FIR दर्ज की गई थी। पुलिस का कहना था कि वह कई संगीन अपराधों में शामिल रहा है।

परिजनों का आरोप और न्याय की मांग

सूर्या हांसदा की मां नीलमुनी मुर्मू ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पहले गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया। परिजनों ने कहा कि न्याय दिलाने के लिए वे हाईकोर्ट की शरण में गए हैं और सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है।

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