Ranchi : झारखंड में इस साल मॉनसून की अच्छी बारिश ने कृषि क्षेत्र को मजबूती दी है। कृषि निदेशालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में धान की रोपाई ने बीते वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड स्तर हासिल किया है।

झारखंड में धान की रोपाई के आंकड़े

2 सितंबर 2025 तक झारखंड में धान की रोपाई 94.42% (16.88 लाख हेक्टेयर) पूरी हो चुकी है। यह पिछले दो वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर है। मॉनसूनी बारिश का फायदा सीधे तौर पर किसानों को मिला है और अधिकांश जिलों में धान की खेती में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

खरीफ फसलों की बुवाई और लक्ष्य

कृषि विभाग ने खरीफ मौसम में 28.26 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का लक्ष्य रखा था। अब तक 21.98 लाख हेक्टेयर (77.80%) में फसलों की बुवाई हो चुकी है।

  • धान : 94.42% (16.88 लाख हेक्टेयर)
  • मक्का : 63.67% (1.97 लाख हेक्टेयर)
  • दलहन : 43.13% (2.58 लाख हेक्टेयर)
  • तिलहन : 38% (22,635 हेक्टेयर)
  • मोटे अनाज : 45.79% (31,996 हेक्टेयर)

झारखंड में मॉनसूनी बारिश का असर

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के प्रभारी निदेशक अभिषेक आनंद के अनुसार, 1 जून से 3 सितंबर तक 1034.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि सामान्य वर्षा 823.7 मिमी होती है। यानी इस बार झारखंड में 26% अधिक वर्षा हुई है।

जिलावार बारिश की स्थिति

  • पूर्वी सिंहभूम : 73% अधिक बारिश
  • रांची : 54% अधिक
  • सरायकेला-खरसावां : 65% अधिक
  • धनबाद : 41% अधिक

दूसरी फसलों पर असर

भारी वर्षा ने जहां धान की रोपाई को गति दी है, वहीं मक्का, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई प्रभावित हुई है। लंबे समय तक बारिश जारी रहने से कई फसलों को नुकसान भी झेलना पड़ा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सितंबर में बारिश सामान्य स्तर पर रहती है, तो अन्य फसलों की स्थिति में सुधार संभव है।

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