Ranchi (Jharkhand) — रांची यूनिवर्सिटी में कार्यरत वोकेशनल कोर्स शिक्षकों ने शुक्रवार को अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। वोकेशनल शिक्षक संघ ने प्रभारी कुलपति प्रो. डी.के. सिंह को एक 6 सूत्री मांग पत्र सौंपते हुए अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा। शिक्षकों का आरोप है कि वे बीते दो दशकों से शोषण का शिकार हो रहे हैं और अब उन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए।

शिक्षक संघ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाया कि वोकेशनल व सेल्फ फाइनेंस कोर्स में कार्यरत अतिथि और अनुबंधित शिक्षकों को न उचित वेतन मिल रहा है और न ही मूलभूत सुविधाएं। जबकि इन कोर्सों के माध्यम से छात्र सीधे नौकरियों से जुड़ रहे हैं। रांची यूनिवर्सिटी के पीजी विभागों और कॉलेजों में वर्तमान में 20 से अधिक वोकेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं।

करोड़ों के वोकेशनल फंड पर सवाल, पारदर्शिता की मांग

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अटल पांडेय ने सवाल उठाया कि जब छात्रों से सीमित शुल्क लिया जा रहा है, तो वोकेशनल फंड में करोड़ों रुपये कैसे जमा हो गए? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फंड का उपयोग शिक्षकों और छात्रों के हित में नहीं किया जा रहा, और सीवीएस कार्यालय यूनिवर्सिटी के नियमों को लागू करने में विफल रहा है।

Core Committee निर्णयों की अवहेलना से शिक्षकों में नाराजगी

संघ अध्यक्ष अवधेश ठाकुर ने कहा कि कोर कमेटी के निर्णयों को यूनिवर्सिटी के संबंधित विभाग द्वारा न मानना लोकतांत्रिक व्यवस्था की अवमानना है। उन्होंने मांग की कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए

Ranchi University Vocational Teachers: 6 सूत्री मांग पत्र में क्या है?

  1. समान कार्य के लिए समान वेतन
    अनुबंधित व अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समकक्ष वेतन मिलना चाहिए।
  2. शिक्षकों और कर्मचारियों के पदों का सृजन एवं भरती
    स्थायी पदों की संख्या बढ़ाकर शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
  3. UGC मानकों के अनुसार 1500 रुपये प्रति कक्षा का भुगतान
    मौजूदा भुगतान दरों को UGC गाइडलाइन के अनुरूप संशोधित किया जाए।
  4. सीनेट, सिंडिकेट और कोर कमेटी में प्रतिनिधित्व
    वोकेशनल कोर्स से जुड़े शिक्षकों को नीति निर्धारण में प्रतिनिधित्व दिया जाए।
  5. नई नियुक्तियों में पुराने शिक्षकों को प्राथमिकता
    लंबे समय से कार्यरत शिक्षकों को पहले स्थान पर रखा जाए।
  6. वोकेशनल फंड का उपयोग शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में हो
    फंड को केवल छात्र-शिक्षक कल्याण हेतु उपयोग में लाया जाए।

Ranchi University में Vocational Teachers के आंदोलन की अहमियत

इस आंदोलन के ज़रिए शिक्षकों ने शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी और अस्थायी नियुक्तियों की समस्याओं को रेखांकित किया है। ये आवाजें न केवल रांची यूनिवर्सिटी, बल्कि पूरे झारखंड राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में व्याप्त समस्याओं की ओर संकेत करती हैं।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने किया मांगों पर विचार का आश्वासन

प्रभारी कुलपति प्रो. डी.के. सिंह ने शिक्षक प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर विचार किया जाएगा और उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इसे भी पढ़ें

Jharkhand Politics: झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर का राजनीति से संन्यास, 2029 के चुनाव से रहेंगे दूर

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version