रांची: झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Election) में देरी से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने नाराजगी जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) और नगर विकास सचिव (Urban Development Secretary) को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारी अदालत में मौजूद रहे।

कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी

जस्टिस आनंद सेन की एकलपीठ ने कहा कि न्यायालय के पूर्व आदेश के बावजूद समय पर चुनाव प्रक्रिया (Election Process) शुरू नहीं की गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकारी स्तर पर हो रही इस देरी से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। साथ ही अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि वे अदालत के आदेशों का समय पर पालन सुनिश्चित करें।

अवमानना याचिका पर सुनवाई

यह मामला निवर्तमान पार्षद रौशनी खलखो की ओर से दायर अवमानना याचिका से जुड़ा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदालत द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद राज्य सरकार और संबंधित विभागों ने स्थानीय निकाय चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं की। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

अधिकारियों को अनुपालन का निर्देश

सुनवाई के दौरान अदालत ने उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि चुनाव संबंधी आदेशों का तत्काल पालन हो। अदालत ने यह भी कहा कि यदि चुनाव प्रक्रिया को लेकर देरी जारी रहती है, तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा।

अगली सुनवाई की तारीख तय

झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को निर्धारित की है। अदालत ने संकेत दिया कि उस दिन तक यदि सरकार चुनाव की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती है तो कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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