Ranchi: झारखंड में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस (Indian Police Service) में प्रोन्नति देने वाली यूपीएससी की बैठक रद्द होने के बाद विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने तीखा बयान जारी किया है। बाबूलाल ने बैठक रद्द होने की जिम्मेदारी झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता पर डाली है। उनके अनुसार, डीजीपी के पद पर रहने के कारण कई योग्य राज्य पुलिस अफसरों को आईपीएस बनने का अवसर अनिश्चितकाल के लिए टल गया।

अनुराग गुप्ता के डीजीपी रहने से IPS प्रोन्नति टली

बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में कहा कि राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के लिए प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण होता है। अनुराग गुप्ता के डीजीपी पद पर बने रहने के कारण, यूपीएससी ने उन्हें बैठक में शामिल नहीं किया, जिससे 12 अगस्त को प्रस्तावित बैठक नहीं हो सकी। इसके परिणामस्वरूप, कई योग्य पुलिस अफसरों की प्रोन्नति रोक दी गई।

12 अगस्त की यूपीएससी बैठक अचानक टली

यूपीएससी ने राज्य सेवा के पुलिस अफसरों को प्रोन्नति देने के लिए 12 अगस्त को बैठक बुलायी थी। बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारी, झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता भी दिल्ली में मौजूद थे। लेकिन अचानक बैठक रद्द कर दी गई। रद्द होने का कोई आधिकारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है। बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि बैठक रद्द होने का मुख्य कारण यूपीएससी द्वारा अनुराग गुप्ता को डीजीपी नहीं मानना है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होने वाली है। बाबूलाल ने कहा कि योग्य अफसरों की प्रोन्नति में हुई देरी से राज्य पुलिस की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ सकता है।

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