चतरा (झारखंड) — झारखंड के चतरा जिले में एक शादी समारोह उस समय त्रासदी में बदल गया जब हर्ष फायरिंग के दौरान एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना प्रतापपुर थाना क्षेत्र के बरवा कोचवा गांव में घटी, जहां गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र से बारात आई थी। मृतक युवक की गर्दन में गोली लगने से मौके पर ही उसकी जान चली गई, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
चतरा में शादी समारोह में हर्ष फायरिंग से युवक की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शादी समारोह में डीजे पर नाच-गाने के दौरान कुछ लोगों ने अचानक हर्ष फायरिंग शुरू कर दी। इसी दौरान चली एक गोली पास खड़े युवक की गर्दन में जा लगी। गोली लगते ही युवक जमीन पर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना इतनी अचानक हुई कि कुछ क्षणों तक लोग स्तब्ध रह गए।
हर्ष फायरिंग से शादी समारोह बना शोकसभा, गांव में पसरा मातम
बरवा कोचवा गांव में इस दर्दनाक घटना के बाद शोक और सन्नाटा छा गया। जिस घर में खुशियों का माहौल था, वहां चीख-पुकार सुनाई देने लगी। मृतक के परिजन गहरे सदमे में हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हर्ष फायरिंग अब एक आम चलन बन चुका है, जो जानलेवा साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने ऐसी घटनाओं पर कड़ा कानून लागू करने की मांग की है।
शव को भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए, पुलिस कर रही जांच
प्रतापपुर थाना प्रभारी कासिम अंसारी ने बताया कि मृतक युवक के शव को चतरा सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस ने घटनास्थल से कई लोगों से पूछताछ की है और यह पता लगाने का प्रयास जारी है कि गोली किसने चलाई और फायरिंग में इस्तेमाल किया गया हथियार लाइसेंसी था या अवैध।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या फायरिंग जानबूझकर की गई थी या यह एक दुर्घटना थी। हालांकि प्राथमिक जांच में यह मामला हर्ष फायरिंग से जुड़ा बताया जा रहा है।
पुलिस की अपील – सामाजिक कार्यक्रमों में हर्ष फायरिंग से बचें
चतरा पुलिस और जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि शादी, तिलक या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में हर्ष फायरिंग जैसी गैरकानूनी और खतरनाक गतिविधियों से बचें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हर्ष फायरिंग भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 337, 304A के तहत दंडनीय अपराध है, और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
शादी में गोली चलने की घटनाएं बढ़ती चिंता का विषय
झारखंड के विभिन्न जिलों में हाल के वर्षों में शादी समारोह में गोली चलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कानून और जनजागरूकता की आवश्यकता है, ताकि किसी भी खुशी के मौके पर जानलेवा त्रासदी न हो।