रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान से पहले एक बड़ी घटना ने प्रशासन और स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया। रांची के बुंडू अंचल कार्यालय के पास कचरे के ढेर में सैकड़ों वोटर आईकार्ड और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के स्वीकृत फॉर्म फेंके हुए पाए गए। यह घटना सोमवार को सामने आई, जब स्थानीय ग्रामीणों ने इन दस्तावेजों को देखा और तुरंत प्रशासन को सूचना दी।

इस घटना ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है, और प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है।

कचरे में मिले संवेदनशील दस्तावेज

वोटर आईकार्ड:

कचरे में पाए गए वोटर आईकार्ड सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के अनगड़ा प्रखंड के मतदाताओं के थे। यह इलाका आगामी 20 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान का हिस्सा है।

उज्ज्वला योजना फॉर्म:

कचरे में 2017 के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के स्वीकृत आवेदन फॉर्म भी मिले। इन पर तत्कालीन अंचलाधिकारी बबली कुमारी के हस्ताक्षर थे। ये फॉर्म बुंडू प्रखंड के विभिन्न मोहल्लों के लोगों के थे, जो सवाल खड़े करते हैं कि लाभार्थियों को योजना का लाभ मिला भी या नहीं।

लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि इतने महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों को इस तरह फेंकना प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।

  • वोटर आईकार्ड जैसी संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है।
  • साइबर फ्रॉड और अन्य आपराधिक गतिविधियों में इन दस्तावेजों का इस्तेमाल संभावित है।
  • ग्रामीणों ने इसे गोपनीयता और सुरक्षा का उल्लंघन करार दिया है।

सरकार और प्रशासन की नाकामी

ग्रामीणों ने इस घटना को सरकार और प्रशासन की नाकामी बताया। उनका आरोप है कि संवेदनशील दस्तावेजों की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

बुंडू अंचल के एसडीएम किस्टो कुमार बेसरा ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा:

  • जांच जारी है।
  • दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • अंचल कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
  • भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

उज्ज्वला योजना के फॉर्म पर सवाल

उज्ज्वला योजना के फॉर्म फेंके जाने से ग्रामीणों में यह संदेह गहरा हो गया है कि:

  • क्या योजना के लाभ सही तरीके से वितरित हुए?
  • लाभार्थियों को सच में गैस कनेक्शन मिला या कागजी कार्रवाई ही हुई?

ग्रामीणों ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।

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