चाईबासा: झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सल विरोधी अभियान (Anti-Naxal Operation) के दौरान शुक्रवार शाम हुए IED ब्लास्ट में सीआरपीएफ (CRPF) के हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए। यह घटना जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा इलाके में हुई, जहां नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए विस्फोटक यंत्र (Improvised Explosive Device) से हमला किया।

नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को बनाया निशाना

जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ 60वीं बटालियन की टीम सारंडा के भीषण जंगल में सर्च ऑपरेशन पर थी। इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर IED विस्फोट किया, जिससे तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल जवानों में इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगई और हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर शामिल थे। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

अस्पताल में इलाज के दौरान महेंद्र लश्कर ने तोड़ा दम

तीनों घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद राउरकेला के अपोलो अस्पताल भेजा गया।
डॉक्टरों के मुताबिक, हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर की हालत अत्यंत गंभीर थी। सभी प्रयासों के बावजूद शनिवार सुबह उन्होंने उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।
वहीं, अन्य दोनों घायलों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

पिछले कुछ महीनों में बढ़ी नक्सली गतिविधियां

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, सारंडा जंगल क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां हाल के महीनों में बढ़ी हैं। मार्च से अब तक इसी इलाके में तीन जवान शहीद हो चुके हैं और नौ से अधिक घायल हुए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों ने इलाके में कई जगह IED विस्फोटक लगाकर सुरक्षा बलों की गश्ती टीमों को निशाना बनाने की रणनीति अपनाई है।

शहीद जवान को दी जाएगी श्रद्धांजलि

सीआरपीएफ मुख्यालय ने महेंद्र लश्कर के शौर्य को नमन करते हुए कहा कि “उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।”
शहीद जवान का पार्थिव शरीर पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा।
वहीं, झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और नक्सलियों की तलाश में सघन अभियान शुरू कर दिया गया है।

सारंडा जंगल बना नक्सल गतिविधियों का केंद्र

सारंडा का जंगल, जो झारखंड-ओडिशा सीमा पर फैला हुआ है, नक्सलियों का पारंपरिक ठिकाना माना जाता है। यहां पिछले कुछ महीनों में लगातार मुठभेड़, IED ब्लास्ट और तलाशी अभियान की घटनाएं बढ़ी हैं।
सुरक्षा बलों का कहना है कि इस क्षेत्र में नक्सलियों के खात्मे तक अभियान जारी रहेगा।

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