रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राजनीति के मैदान में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। इस बीच, झारखंड में बीजेपी के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य पुलिस की छापेमारी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस कार्रवाई से सत्ताधारी दल की हताशा और बेचैनी पूरी तरह से सामने आ गई है।

झारखंड पुलिस की छापेमारी: हिमंता का बयान

11 नवंबर की रात, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रांची के सरला बिरला स्कूल गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे, झारखंड पुलिस ने वहां छापेमारी की। हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना को सत्ताधारी दल की बढ़ती बेचैनी का परिणाम बताया और अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 नवंबर की रात रांची में सरला बिरला स्कूल गेस्ट हाउस में ठहरने के बाद झारखंड पुलिस ने बिना किसी ठोस कारण के इस गेस्ट हाउस पर छापा मारा।”

हिमंता ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई राज्य सरकार के भीतर की हताशा और असंतोष को दर्शाती है। उनका मानना था कि चुनावी प्रचार के दौरान इस तरह की गतिविधियाँ सत्ताधारी दल के राजनीतिक दबाव और असमर्थता का परिणाम हैं।

सरकारी अधिकारियों से अपील

हिमंता ने इस संदर्भ में राज्य के सरकारी अधिकारियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और कानून के दायरे में करें। उन्होंने कहा, “कानून का पालन सर्वोपरि है। सरकारी अधिकारियों को किसी प्रकार के अनावश्यक दबाव में न आकर, अपनी निष्पक्षता और ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए। उन्हें किसी राजनीतिक दल के दबाव में आकर अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं करना चाहिए।”

सत्ताधारी दल की बेचैनी

हिमंता ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल को झारखंड चुनाव में बढ़ती हुई विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, और इसका असर पुलिस की कार्रवाइयों पर भी दिख रहा है। उनके अनुसार, इस तरह की कार्रवाइयाँ केवल चुनावी रणनीतियों का हिस्सा बन गई हैं, और यह दर्शाता है कि सत्ता पक्ष अपने कदमों को लेकर काफी चिंतित और असहज है।

इसे भी पढ़ें

घुसपैठियों की सरपरस्ती करनेवाली कांग्रेस – झामुमो को मिलेगा कठोर सन्देश : गौरव भाटिया

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version