रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ समन की अवहेलना का मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। उन्होंने एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा द्वारा उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई आज, बुधवार को हाईकोर्ट में होगी।
एमपी/एमएलए कोर्ट का आदेश
हेमंत सोरेन ने कोर्ट में उपस्थित होने से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत याचिका दाखिल की थी। एमपी/एमएलए कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए उन्हें 4 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
ईडी की शिकायत और समन अवहेलना का आरोप
मामला तब शुरू हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री पर समन की अवहेलना का आरोप लगाते हुए सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। ईडी के अनुसार, हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में 10 बार समन भेजा गया, लेकिन वे केवल दो बार—20 जनवरी और 31 जनवरी को—पेश हुए।
मामला एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित
सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन बार-बार गैरहाजिर रहने के कारण यह मामला एमपी/एमएलए कोर्ट को सौंप दिया गया। वर्तमान में यह मामला कांड संख्या 2/2024 के तहत दर्ज है।
ईडी का रुख
ईडी ने मुख्यमंत्री की इस गैरहाजिरी को समन की अवहेलना बताते हुए शिकायत दर्ज की है। ईडी के मुताबिक, मुख्यमंत्री की ओर से समन का पालन न करना न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है।
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