झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 207 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंसों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इस योजना से झारखंड के दूरदराज़ इलाकों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी और मरीजों को समय पर बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

स्वास्थ्य विभाग ने दी स्वीकृति, 1 अरब 3 करोड़ 50 लाख की लागत

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने आदेश जारी कर बताया कि कुल 207 एएलएस एंबुलेंस की खरीद पर 1 अरब 3 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक एंबुलेंस की अनुमानित लागत 50 लाख रुपये होगी। इन एंबुलेंसों की खरीद प्रक्रिया झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (JMHIDPL) के माध्यम से झारखंड प्रोक्योरमेंट ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज मैनुअल 2024 के तहत न्यूनतम निविदा प्रणाली से की जाएगी।

पुरानी एंबुलेंसों को किया जाएगा रद्दी घोषित

वर्तमान में झारखंड में 108 आपातकालीन सेवा के तहत कुल 440 एंबुलेंस संचालित हो रही हैं। इनमें से 207 एंबुलेंस आठ वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी हैं और 1.5 लाख किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें नियमानुसार रद्दी घोषित कर नीलामी (Auction Process) करने का निर्णय लिया है। नीलामी से प्राप्त राशि को राज्य के राजकोष (State Treasury) में जमा किया जाएगा। इन नई एंबुलेंसों के आने से राज्य की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में तेजी से सुधार की उम्मीद है।

नई एंबुलेंसों का संचालन एनएचएम करेगा

स्वीकृत सभी एएलएस एंबुलेंसों का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से किया जाएगा। इन वाहनों को 108 इमरजेंसी मेडिकल एंबुलेंस सर्विसेज के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। संचालन एवं रखरखाव पर होने वाला खर्च भारत सरकार से प्राप्त Supplementary PIP फंड से वहन किया जाएगा। यदि अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ी तो राज्य योजना से भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंस क्या है

ALS एंबुलेंसें अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों से सुसज्जित होती हैं, जिनमें वेंटिलेटर, कार्डियक मॉनिटर, ऑक्सीजन सिस्टम, डिफिब्रिलेटर और इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट किट शामिल हैं। इन एंबुलेंसों में प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर रहते हैं, जो आपात स्थिति में मरीज को प्राथमिक जीवन रक्षक उपचार प्रदान करते हैं। ग्रामीण और सुदूरवर्ती इलाकों में इन वाहनों की तैनाती से क्रिटिकल मरीजों को रेफरल अस्पतालों तक सुरक्षित और तेज़ी से पहुंचाया जा सकेगा।

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

राज्य सरकार की यह पहल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड ने टेलीमेडिसिन, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, और 108 एंबुलेंस सेवाओं के विस्तार जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। नई एंबुलेंसों की उपलब्धता से राज्य के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में भी आपातकालीन चिकित्सा सहायता तेजी से पहुंच सकेगी।

स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य “हर मरीज को समय पर जीवन रक्षक चिकित्सा सुविधा (Timely Medical Assistance)” उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही सरकार स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता लाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इस परियोजना के पूरा होने पर झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएं राष्ट्रीय औसत के अनुरूप आधुनिक और सुलभ बन जाएंगी।

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