हजारीबाग (झारखंड): झारखंड के शिक्षा जगत में एक प्रेरक पहल करते हुए पूर्व विधायक सौरव नारायण सिंह ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय (VBU) को 30 एकड़ जमीन दान में दी है। यह जमीन पदमा किला परिसर की है, जिसे अब विश्वविद्यालय के विकास कार्यों में उपयोग किया जाएगा। इस घोषणा से हजारीबाग में उच्च शिक्षा के नए आयाम खुलने की उम्मीद है।
पदमा किला परिसर की भूमि विश्वविद्यालय को समर्पित
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. चंद्रभूषण शर्मा ने भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर दान की पुष्टि की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कदम को शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बताया, जहां छात्रावास, शोध संस्थान, व्यावसायिक शिक्षा केंद्र और अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं।
भूदान आंदोलन की परंपरा को आगे बढ़ाया
पूर्व कांग्रेस विधायक सौरव नारायण सिंह, जो रामगढ़ राज परिवार के वंशज हैं और 2004 से 2014 तक विधायक रहे, ने कहा कि यह निर्णय उनके दादा राजा कामाख्या नारायण सिंह के विचारों से प्रेरित है। राजा साहब संत विनोबा भावे के भूदान आंदोलन से जुड़े रहे थे और उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह दान किया गया है।
शिक्षा को बताया नैतिक जिम्मेदारी
सौरव नारायण सिंह ने मीडिया से कहा,
“शिक्षा का बुनियादी ढांचा मजबूत करना समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि भविष्य में विश्वविद्यालय को और भूमि की आवश्यकता होगी, तो मैं उसे देने के लिए भी तैयार हूं।”
इस वक्तव्य ने उनके इस कदम को केवल भूमि दान तक सीमित न रखकर शिक्षा के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के रूप में रेखांकित किया है।
राजनीति से नहीं, सेवा भाव से जुड़ा निर्णय
राजनीति में संभावित वापसी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि सेवा भाव से प्रेरित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विधायक कार्यकाल के दौरान शिक्षा उनके कार्यों का केंद्र बिंदु रही थी और यह भूमि दान उसी विचारधारा का विस्तार है।
स्थानीय जनता में सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस पहल की स्थानीय स्तर पर शिक्षाविदों, सामाजिक संगठनों और छात्र समुदाय ने खुलकर सराहना की है। लोगों का मानना है कि यह दान हजारीबाग और झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।