रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड पुलिस की सब इंस्पेक्टर (SI) मीरा सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है। ईडी ने अपनी जांच के आधार पर राज्य सरकार और आयकर विभाग (Income Tax Department) दोनों को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कहा गया है कि मीरा सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। एजेंसी ने यह रिपोर्ट PMLA की धारा 66(2) के तहत साझा की है और दोनों विभागों से आवश्यक कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
ईडी की जांच में आय से अधिक संपत्ति के सबूत मिले
ED की जांच रिपोर्ट के अनुसार, सब इंस्पेक्टर मीरा सिंह और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी (raid) के दौरान बड़ी मात्रा में दस्तावेज़, नकदी और डिजिटल सबूत मिले हैं। इन सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से कमाई की और उसे वैध दिखाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया।
ईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि मीरा सिंह ने अवैध आय को छिपाने के लिए कर्ज लेने, फर्जी व्यापार दिखाने और बेनामी संपत्ति खरीदने जैसे हथकंडे अपनाए।
ईडी ने सरकार और आयकर विभाग से मांगी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि मीरा सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाए। वहीं आयकर विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि वे आयकर अधिनियम की धाराओं के तहत उनकी जांच करें और कानूनी कार्रवाई करें।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की रिपोर्ट में मीरा सिंह के पति प्रीतम कुमार और उनके सहयोगी लाल मोहित नाथ शाहदेव के नाम भी सामने आए हैं, जिनके जरिए धन का लेन-देन किया गया था।
फर्जी सब्जी व्यापार के जरिए छिपाई गई अवैध कमाई
जांच में यह भी सामने आया कि मीरा सिंह ने अपनी काली कमाई को सफेद दिखाने के लिए अपने पति प्रीतम कुमार को सब्जी व्यापारी बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए।
ईडी की पूछताछ में यह सामने आया कि भागलपुर सब्जी मंडी में दिखाया गया यह कारोबार सिर्फ कागजों पर था। प्रीतम कुमार किसी भी सब्जी विक्रेता, दुकान मालिक या व्यापारी का नाम नहीं बता सका जिससे वह व्यापार करता था।
मोबाइल से मिले वाट्सएप चैट में ‘कोड वर्ड’ से लेन-देन का खुलासा
छापेमारी के दौरान मीरा सिंह के 9 मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनमें कई वाट्सएप चैट (WhatsApp Chats) मिले। इनमें धन के लेन-देन से जुड़े संदेश “1”, “2”, “3” जैसे कोड वर्ड में लिखे गए थे।
इन संदेशों में हटिया निवासी संजीव नामक व्यक्ति द्वारा भेजे गए मैसेज और अंशु कुमारी के खाते में राशि जमा करने की रसीदें शामिल थीं।
पूछताछ में जब इन चैट्स के बारे में सवाल किया गया तो मीरा सिंह ने किसी भी व्यक्ति को पहचानने से इनकार कर दिया और जवाब देने से बचती रहीं।
सहयोगियों के घर से भी नकदी बरामद
ईडी की कार्रवाई के दौरान मीरा सिंह के करीबी लाल मोहित नाथ शाहदेव के घर से 12 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। पूछताछ में शाहदेव ने स्वीकार किया कि इनमें से सात लाख रुपये मीरा सिंह के हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि मीरा सिंह ने लालपुर क्षेत्र में जमीन खरीदने के लिए शाहदेव को 12 लाख रुपये दिए थे। यह लेन-देन बेनामी संपत्ति निवेश की श्रेणी में आता है।
सरकारी नियमों का उल्लंघन और रिपोर्ट छिपाने के आरोप
ईडी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सब इंस्पेक्टर मीरा सिंह ने संपत्ति खरीद की जानकारी सरकार को नहीं दी, जो कि सरकारी सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है। रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि राज्य सरकार इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई करे।
वहीं, आयकर विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे उनके और उनके पति के खातों की जांच कर नकद जमा और संपत्ति निवेश का स्रोत पता लगाएं।
