कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के आठ और देशभर में कुल 28 निजी मेडिकल कॉलेजों पर एक बड़ी कार्रवाई की। छापेमारी का मुख्य उद्देश्य एनआरआई कोटा में कथित भ्रष्टाचार और फर्जी प्रमाणपत्रों के माध्यम से अयोग्य छात्रों को दाखिला देने की जांच करना है।

माकपा सांसद लक्ष्मण सेठ के हल्दिया स्थित घर पर कार्रवाई

ईडी की टीम ने पूर्व माकपा सांसद लक्ष्मण सेठ के हल्दिया स्थित घर और उनकी स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित मेडिकल और डेंटल कॉलेज पर छापा मारा। उनके संस्थानों पर एनआरआई कोटा के तहत दाखिला देने के नाम पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बड़ी रकम लेने का आरोप है।

कोलकाता और बीरभूम में भी छानबीन

कोलकाता के तारातला और बीरभूम जिले के मेडिकल कॉलेजों में भी तलाशी अभियान जारी है। बीरभूम के जिस कॉलेज पर छापा मारा गया, उसके संचालक मलय पीट पर मवेशी तस्करी और भर्ती घोटाले के भी आरोप लग चुके हैं। उन्हें अनुव्रत मंडल का करीबी माना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद सक्रिय हुआ ईडी

सुप्रीम कोर्ट ने एनआरआई कोटा में भ्रष्टाचार के मामले में पहले ही नाराजगी जताई थी। इसके बाद ईडी ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। इस छापेमारी में मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन, छात्रों के दाखिले से संबंधित दस्तावेज और वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है।

कार्रवाई से हड़कंप, संचालकों के घरों की तलाशी

छापेमारी के दौरान संबंधित मेडिकल कॉलेजों के संचालकों के घरों और संस्थानों में तलाशी ली गई। बर्धमान और अन्य जिलों में भी ईडी की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

एनआरआई कोटा में भ्रष्टाचार का आरोप

मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, आरोप है कि एनआरआई कोटा के तहत दाखिले के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर छात्रों से मोटी रकम वसूली गई। यह भ्रष्टाचार शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और योग्यता आधारित प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

बंगाल में शिक्षा क्षेत्र पर गहराया संकट

पश्चिम बंगाल में मेडिकल कॉलेजों पर इस कार्रवाई से शिक्षा क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ये आरोप साबित होते हैं, तो यह राज्य के शिक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा झटका होगा।

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