राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की सुरक्षा पर मंडराते एक नए और बड़े खतरे की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि साइबर हमले अब केवल तकनीकी समस्या नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुके हैं।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित 64वें राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के पाठ्यक्रम के संकाय और सदस्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने साइबर सुरक्षा के महत्व और उससे निपटने के उपायों पर जोर दिया।
गतिशील वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां
राष्ट्रपति मुर्मू ने वैश्विक भू-राजनीतिक परिवेश पर चर्चा करते हुए कहा कि हालिया घटनाओं ने कई नई चुनौतियों को जन्म दिया है।
जिस तेज गति से दुनिया में परिवर्तन हो रहे हैं, उसका एक दशक पहले शायद ही किसी ने अनुमान लगाया हो।
उन्होंने सिविल सेवाओं और रक्षा सेवाओं के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इन चुनौतियों के प्रति सचेत रहें और उनका सामना करने के लिए अपनी शक्तियों का समुचित उपयोग करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार ऐसे दो महत्वपूर्ण कारक हैं, जो किसी भी संगठन या देश की रक्षा और प्रगति के लिए जरूरी हैं।
नवाचार न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करता है, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं के लिए भी तैयार करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा की नई प्राथमिकताएं
राष्ट्रपति ने कहा कि आज की सुरक्षा चिंताएं केवल क्षेत्रीय अखंडता तक सीमित नहीं हैं।
हमारी सुरक्षा प्राथमिकताएं अब आर्थिक, पर्यावरणीय, ऊर्जा सुरक्षा और सबसे महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों को भी शामिल करती हैं। इन नए खतरों से निपटने के लिए गहन शोध और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि साइबर सुरक्षा अब एक प्रमुख राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई है।
इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ, साइबर हमले अधिक परिष्कृत और खतरनाक हो गए हैं।
साइबर हमलों से निपटने के लिए मानव संसाधन और तकनीकी क्षमता

राष्ट्रपति ने साइबर सुरक्षा की गंभीरता को समझने और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि साइबर हमलों से निपटने के लिए मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा और प्रशिक्षित मानव संसाधन की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा, “साइबर हमलों से मुकाबला करने के लिए हमें उच्च-स्तरीय तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
सिविल सेवाएं और सशस्त्र बल मिलकर एक ऐसी सुरक्षित प्रणाली बना सकते हैं, जो इन हमलों को विफल कर सके।”
साइबर सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता
राष्ट्रपति ने देशवासियों और सुरक्षा तंत्र से आग्रह किया कि वे साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास ने डिजिटल बुनियादी ढांचे को स्थापित करना और सुरक्षित रखना अनिवार्य बना दिया है।
इस दिशा में काम करने के लिए सरकार को अधिक शोध, प्रशिक्षण और संसाधनों का उपयोग करना होगा।
हमें अपने डेटा और संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए गंभीर और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साइबर हमलों को एक बड़े खतरे के रूप में चिन्हित किया है।
उनका यह स्पष्ट संदेश है कि साइबर सुरक्षा पर ध्यान देना समय की मांग है।
देश की सुरक्षा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और तकनीकी क्षमताओं को उन्नत करना आवश्यक है।
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