रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आदिवासी समुदाय की वर्षों पुरानी मांग—सरना धर्म कोड—को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने ऐलान किया है कि आगामी 26 मई 2025 को राजधानी रांची स्थित राजभवन के समक्ष एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदेश प्रभारी के. राजू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज लंबे समय से जनगणना में सरना धर्म कोड की मान्यता की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अब तक इस पर मौन है। उन्होंने कहा कि जनगणना 2025 में सरना कोड का स्वतंत्र कॉलम शामिल किया जाना चाहिए।

महागठबंधन सरकार ने 2020 में भेजा था प्रस्ताव

प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने जानकारी दी कि 11 नवंबर 2020 को झारखंड की महागठबंधन सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र में सरना धर्म कोड प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था। लेकिन केंद्र ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना में धर्म कॉलम की संख्या सात थी, लेकिन अब उसे घटाकर छह कर दिया गया है, जिससे आदिवासी पहचान को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों की सक्रियता

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि 2011 की जनगणना में झारखंड, ओडिशा सहित कई राज्यों में 50 लाख से अधिक लोगों ने खुद को सरना धर्म का अनुयायी बताया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि नाम चाहे जो भी हो, आदिवासी समुदाय को एक अलग धर्म कोड मिलना चाहिए, जिससे उनकी संस्कृति और पहचान की रक्षा हो सके।

विधानसभा से लेकर सड़क तक लड़ाई

विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को लगातार उठा रही है। अब यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप ले चुका है, और केंद्र सरकार को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

पूर्व वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि देशभर में 10 से 12 करोड़ आदिवासी अपने अस्तित्व की पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के लिए एक पृथक धर्म कोड, उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

सरना कोड वादे का आरोप: बंधु तिर्की का बयान

कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने आरोप लगाया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने सरना धर्म कोड देने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद यह वादा भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब इस वादे को जनता के सामने लाकर केंद्र सरकार को घेरने का काम करेगी।

आंदोलन की रणनीति तय, राज्यभर में जुटेंगे कार्यकर्ता

कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि 26 मई को आयोजित इस प्रदर्शन में झारखंड के कोने-कोने से पार्टी कार्यकर्ता, आदिवासी संगठनों के सदस्य और समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस प्रदर्शन का उद्देश्य है केंद्र सरकार पर दबाव बनाना, ताकि सरना धर्म कोड को जनगणना में शामिल किया जा सके।

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