झारखंड: झारखंड में भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में, राज्य सरकार ने चतरा के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उन पर करोड़ों रुपये की अनियमितताओं का गंभीर आरोप है।
कैबिनेट ने खारिज की अपील, जारी हुआ बर्खास्तगी आदेश
राज्य सरकार ने 27 सितंबर को आयोजित कैबिनेट बैठक में आशुतोष कुमार की अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद कार्मिक विभाग ने संकल्प पत्र जारी कर बर्खास्तगी का आदेश लागू किया।
- आरोपों की पुष्टि:
2018 में उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया था। जांच में पाया गया कि उन्होंने 43 बैंक ट्रांसफर के जरिए 6 करोड़ 48 लाख रुपये की अनधिकृत निकासी की थी। - अन्य गंभीर आरोप:
- अग्निकांड की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को न देना।
- छात्रवृत्ति की राशि को नाजिर के परिवार के खातों में ट्रांसफर करना।
- सेवानिवृत्त अधिकारी को अनधिकृत रूप से 98 लाख का अग्रिम देना।
जांच और कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया
2018 में जांच की शुरुआत
आशुतोष कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए 2018 में एक विस्तृत प्रक्रिया शुरू की गई।
- आरोप पत्र तैयार:
- वित्तीय गड़बड़ी के आठ गंभीर आरोप।
- बैंक खातों में अनियमितता और रोकड़ पंजी में हेरफेर।
- निलंबन और प्राथमिकी:
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल निलंबित किया गया और प्राथमिकी दर्ज की गई।
बर्खास्तगी का दंड
जांच के बाद, उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का दंड दिया गया।
- उन्होंने इस पर अपील की, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया।
- बर्खास्तगी आदेश जारी कर पूरे मामले को सार्वजनिक कर दिया गया।
आठ प्रमुख आरोप: आशुतोष कुमार पर गंभीर वित्तीय अनियमितता
- 43 बैंक ट्रांसफर से 6.48 करोड़ की निकासी।
- अग्निकांड की घटना के बाद गलत जानकारी।
- नए रोकड़ पंजी में गड़बड़ी।
- छात्रवृत्ति राशि का दुरुपयोग।
- सेवानिवृत्त अधिकारी को 98 लाख रुपये का अग्रिम।
- नाजिर के परिवार के खातों में राशि स्थानांतरित करना।
- अनधिकृत बैंक खाते संचालित करना।
- संबंधित दस्तावेजों को छिपाने का प्रयास।
सरकार का सख्त रुख: भ्रष्टाचार पर कार्रवाई जारी
यह कार्रवाई राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।
- कार्मिक विभाग की पहल:
भ्रष्ट अधिकारियों पर नजर रखी जा रही है और उनकी जवाबदेही तय की जा रही है। - भविष्य का संदेश:
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि वित्तीय गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
आगे क्या?
सवाल उठ रहे हैं
- क्या इस घटना में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी?
- क्या प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे?
जनता की प्रतिक्रिया
इस मामले ने जनता के बीच नाराजगी पैदा की है। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया तेज होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।