Chatra Rainfall Update: झारखंड के चतरा जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार रात हुई तेज बारिश के बाद कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है और प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है।

पत्थलगड़ा प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित

बारिश से सबसे ज्यादा असर पत्थलगड़ा प्रखंड में देखने को मिला है, जहां दर्जनों गांव बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं। सैकड़ों कच्चे मकान ढह गए हैं और कई घरों में पानी भर गया है। खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी भीषण बारिश और तबाही पहले कभी नहीं देखी। पानी का स्तर लगातार बढ़ने से दहशत का माहौल है।

छह प्रखंडों में जनजीवन ठप

चतरा जिले के सदर, इटखोरी, कान्हाचट्टी, गिद्धौर, पत्थलगड़ा और सिमरिया प्रखंड में स्थिति गंभीर बनी हुई है। गिद्धौर प्रखंड में तेज पानी के बहाव में पति-पत्नी के बह जाने की दुखद घटना भी सामने आई है।

प्रशासन ने इन क्षेत्रों में बचाव दल और पुलिस बल की तैनाती की है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास जारी है।

सड़कें और पुल डूबे, यातायात बाधित

लगातार बारिश के कारण बकुलिया नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कई सड़कों और पुलों पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है। सिमरिया और आसपास के सात गांवों का मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।

सड़क मार्ग बंद होने से आपूर्ति प्रणाली प्रभावित हो गई है और जरूरी सामान गांवों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

स्कूल और बाजार बंद, व्यापार प्रभावित

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सरकारी और निजी स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है। बाजारों में पानी भर जाने से कारोबार ठप हो गया है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि भारी नुकसान की भरपाई करना आसान नहीं होगा।

किसानों को बड़ा नुकसान

बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1,000 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। धान, मक्का, टमाटर, मिर्च और धनिया की खेती पूरी तरह जलमग्न हो गई है।

पशुपालन को भी नुकसान पहुंचा है। पत्थलगड़ा में एक महिला किसान के पोल्ट्री फार्म में पानी घुसने से करीब 5,000 मुर्गियों की मौत हो गई।

दहशत और राहत की प्रतीक्षा

लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी विनाशकारी बारिश पहले कभी नहीं देखी। प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है, लेकिन प्रभावित परिवारों को राहत मिलने में अभी समय लग सकता है।

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