चाईबासा (झारखंड): रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ अभियान के तहत एक 5 वर्षीय बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाकर उसकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। यह मामला बागदेही रेलवे स्टेशन पर तब सामने आया जब आरपीएफ कर्मियों ने संदिग्ध अवस्था में बच्चे को पाया और उसके माता-पिता की तलाश शुरू की।
आरोपी से सुरक्षित बच्चा व पहचान
जांच में बच्चे ने खुद बताया कि वह इटवारी एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहा था और स्टेशन पर चढ़ते समय अपने माता-पिता से अलग हो गया। बच्चे को आरपीएफ कर्मियों ने झारसुगुड़ा पोस्ट भेजा, जहां से उसे रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन (Childline) और जिला परियोजना समन्वयक के समन्वय से परिवार को सौंपा गया
मनाा गया ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते
इस लक्षित अभियान के अंतर्गत रची गई त्वरित कार्रवाई में बच्चे की सुरक्षा और संवेदनशीलता के साथ पूछताछ की गई। आरपीएफ की सतर्कता और मुस्तैदी बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है ।
विस्तृत प्रक्रिया और सहयोगी संस्थाएँ
आरपीएफ के अलावा सरकारी रेल पुलिस (GRP), चाइल्ड हेल्पलाइन, और जिला परियोजना समन्वयक (DCPU) ने मिलकर कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं। इस पहल का उद्देश्य खोए हुए या आवारा बच्चों को पहचानना, बचाना और सुरक्षित रूप से उनके परिवारों से मिलाना है।
बच्चों की सुरक्षा और यात्री जागरूकता
आरपीएफ ने आम जनता से अपील की है कि वे बच्चों को अकेला घूमते देखकर तुरंत रेलवे कर्मचारियों या हेल्पलाइन नंबर 139 पर सूचना दें। यह अभियान न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा को बाधित कर रहा है, बल्कि रेल यात्रियों में जागरूकता और उत्तरदायित्व की भावना भी बढ़ा रहा है।
“ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” अभियान ने पिछले कुछ समय में सैकड़ों खोए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में सफलता पाई है, जिससे सामाजिक सरोकार और प्रशासनिक समन्वय में सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है ।
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