भाजपा को 2024 में झटका: सबसे कम सीटें
रांची: झारखंड के 2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा को अब तक की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी 20 सीटों पर सिमट गई, जो 2019 के 25 सीटों से भी कम है। सत्ता में वापसी का सपना चूर हो गया। सहयोगी दल आजसू ने भाजपा की हार में बड़ी भूमिका निभाई, जिसे गठबंधन के तहत 10 सीटें मिलीं लेकिन केवल एक जीत सकी।
आजसू की असफलता और जयराम महतो का असर
आजसू प्रमुख सुदेश महतो सिल्ली से हार गए और पार्टी को जयराम महतो की झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा से कड़ी चुनौती मिली। कुर्मी बहुल इलाकों में मोर्चा ने आजसू-भाजपा गठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया। सिल्ली, गोमिया और जुगसलाई जैसी सीटों पर मोर्चा का दबदबा रहा।
भाजपा के सारे प्रयोग हुए असफल
भाजपा ने झामुमो नेताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल किया, चंपाई सोरेन और सीता सोरेन जैसे नामों को जोड़ा, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। चंपाई सोरेन के नेतृत्व में आदिवासी वोटरों को लुभाने की कोशिशें विफल रहीं।
लोकलुभावन घोषणाएं भी नहीं बचा पाईं
भाजपा ने महिलाओं के लिए ₹1 में संपत्ति निबंधन, सस्ती गैस और पारा शिक्षकों को नियमित करने जैसी घोषणाएं कीं। लेकिन, हेमंत सोरेन की लोकप्रियता के आगे ये प्रयास फीके पड़ गए।
निष्कर्ष: भाजपा के लिए सबक
यह चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण सबक है। हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज का समर्थन हासिल कर लिया है। भाजपा को अब अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने होंगे।
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