रांची: रांची (Ranchi) में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री (Illegal Land Deal Case) और नियम विरुद्ध म्यूटेशन (Illegal Mutation) के मामले में कार्रवाई तेज कर दी है।
एजेंसी ने इस मामले में ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह (Vinay Singh) की पत्नी स्निग्धा सिंह (Snigdha Singh) को पूछताछ (Interrogation) के लिए नोटिस जारी किया है।

एसीबी ने स्निग्धा सिंह को समन भेजकर तलब किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, अब तक वह एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुई हैं। यह कार्रवाई कांड संख्या 11/2025 से जुड़ी है, जो हजारीबाग जिले में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री से संबंधित है।

आईएएस विनय चौबे के कार्यकाल से जुड़ा है पूरा मामला

यह मामला तब का है जब आईएएस विनय चौबे (IAS Vinay Chaubey) हजारीबाग (Hazaribagh) के उपायुक्त (DC) थे।
एसीबी की जांच में सामने आया है कि उस अवधि में कई वन भूमि (Forest Land) को अवैध रूप से खरीदा-बेचा गया और म्यूटेशन के नियमों का उल्लंघन किया गया।

अब तक इस केस में एसीबी ने विनय सिंह और हजारीबाग के एक लैंड ब्रोकर विजय सिंह (Vijay Singh) को गिरफ्तार किया है। एजेंसी अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जल्द सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।

स्निग्धा सिंह नामजद आरोपी, जांच में सामने आए कई तथ्य

जांच एजेंसी के अनुसार, स्निग्धा सिंह इस मामले की नामजद आरोपी (Named Accused) हैं।
एसीबी की प्राथमिकी में उल्लेख है कि जिस भूमि को लेकर मामला दर्ज हुआ है, वह विनय सिंह और स्निग्धा सिंह के नाम पर है। यह संपत्ति हजारीबाग के सदर अंचल (Sadar Anchal) के थाना नंबर 252 में स्थित है।

मामले में शामिल भूमि का विवरण इस प्रकार है —

  • खाता नंबर 95, प्लॉट नंबर 1055, 1060 और 848, कुल रकबा 28 डिसमिल
  • खाता नंबर 73, प्लॉट नंबर 812, कुल रकबा 72 डिसमिल

इन सभी प्लॉट्स की स्थिति सदर अंचल के बभनवे मौजा (Babhanwe Mouza) के हल्का नंबर 11 में बताई गई है।

नेक्सजेन शोरूम वाली भूमि पर एसीबी की नजर

एसीबी अधिकारियों ने बताया कि जिस भूमि को लेकर जांच चल रही है, उस पर फिलहाल नेक्सजेन (Nexgen) नामक ऑटोमोबाइल शोरूम संचालित है।
सूत्रों के मुताबिक, यह शोरूम सीधे तौर पर विनय सिंह और स्निग्धा सिंह के नियंत्रण में है। एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि उक्त भूमि के ट्रांसफर, म्यूटेशन और उपयोग के दौरान किन अधिकारियों की भूमिका रही।

एसीबी की जांच में कई नाम आने की संभावना

एसीबी (Anti Corruption Bureau Jharkhand) की टीम ने इस पूरे प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजों की फाइलें जब्त कर ली हैं।
जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि हजारीबाग जिला प्रशासन में कार्यरत किन अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कर भूमि की बिक्री और म्यूटेशन की अनुमति दी।

जांच से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में आईएएस अधिकारियों, राजस्वकर्मियों, और स्थानीय बिचौलियों से भी पूछताछ की जा सकती है।

जांच के दायरे में आए कारोबारी और अफसर

हजारीबाग वन भूमि घोटाला (Hazaribagh Forest Land Scam) राज्य की बड़ी भ्रष्टाचार जांचों में से एक मानी जा रही है।
एसीबी ने अब तक जिन लोगों से पूछताछ की है, उनमें कई कारोबारी, ब्रोकर और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं।
जांच का फोकस इस बात पर है कि वन भूमि को निजी उपयोग के लिए ट्रांसफर करने में किन स्तरों पर अनियमितताएं हुईं और किसे इसका वित्तीय लाभ मिला।

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