रांची : झारखण्ड में सत्ताधारी इण्डिया गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है| झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन द्वारा जारी किये गए अपने घोषणा पत्र को झामुमो ने “अधिकार पत्र” का नाम दिया है| अपने घोषणा पत्र में झामुमो ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति, एससी, एसटी एवं पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण कोटे में वृद्धि, सरना – आदिवासी धर्म कोड सहित उन तमाम मुद्दों को स्थान दिया है, जिनकी घोषणा पार्टी के हर चुनाव प्रचार मंच से की जा रही है|
झामुमो ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय के गठन का वादा किया है| इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण क़ानून (झारखण्ड) संशोधन 2017 व लैंड बैंक नीति को रद्द करने की बात भी कही गयी है| भूमि दस्तावेजों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया में भाजपा सरकारों द्वारा गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सत्ता में आने के बाद झामुमो इस प्रक्रिया में ग्राम सभा के सशक्त हस्तक्षेप को सुनिश्चित करेगी और गड़बड़ी करनेवालों को दण्ड दिया जाएगा|
आदिवासी हितों के संरक्षण का वादा करते हुए झामुमो के घोषणा पत्र में कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों और पेसा क़ानून को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा| साथ ही भूमि अधिकार क़ानून बनाकर सभी स्थानीय भूमिहीन परिवारों को भूखण्ड उपलब्ध कराने का वादा भी झामुमो के घोषणा पत्र में है| भूमिहीन दलितों व विस्थापितों के जाति/आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण और सरकार बनने के छः महीने के अन्दर सभी आवेदकों को प्रमाण पत्र देने का वादा भी घोषणा पत्र में है|
झामुमो के घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र है कि वन संरक्षण क़ानून में किये गए संशोधनों को रद्द करते हुए ग्राम सभा की शक्तियों को पुनः बहाल किया जाएगा तथा वन अधिकार क़ानून के तहत ग्राम सभा के द्वारा स्वीकृत सारे लम्बित निजी और सामुदायिक वन पट्टा दावों को बिना कटौती दिया जाएगा|
इसके अलावा घोषणा पत्र में सिंचाई योजनाओं की पुनर्समीक्षा, जलाशयों व डैम के पानी में झारखण्ड की अधिकाधिक हिस्सेदारी, विस्थापन की समस्या झेल रहे लोगों के लिए “पुनर्वास आयोग”, खासमहाल एवं गैर मजरुवा भूमि पर रह रहे रैयतों को रजिस्ट्री और लगान रसीद की सुविधा, रेल सुविधाओं का विस्तार, राज्य के हर पंचायत तक इन्टरनेट का विस्तार, पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण – बीमा और पेंशन, बेहतर सड़क निर्माण, नए प्रखंडों और अनुमंडलों का गठन, विचाराधीन बंदियों की रिहाई, प्रवासी मजदूरों के अधिकार और सम्मान के लिए संघर्ष, आदिवासी रेजिमेंट के गठन, सहारा इण्डिया के निवेशकों के लिए संघर्ष, किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण, मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम 350 रुपये प्रतिदिन का पारिश्रमिक, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3200 रूपये प्रति क्वींटल, वन उत्पादों के समर्थन मूल्य में 50% तक की वृद्धि आदि वादे भी किये गए हैं|
शिक्षा एवं रोजगार के लिए हर 500 किलोमीटर पर सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस तथा 4500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों के साथ – साथ प्रत्येक प्रखंड में डिग्री कॉलेज व हर अनुमण्डल में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने का वादा झामुमो के घोषण अपात्र में है|शिक्षक, उत्पाद सिपाही, सिपाही, लिपिक सहित अन्य प्रक्रियाधीन नियुक्तियों को ससमय पूरा करते हुए 45 हजार नौकरियों का वादा भी घोषणा पत्र में है|
महिलाओं के लिए भी कई घोषणाएं की गयी हैं जिनमें सभी नियुक्तियों में 33% आरक्षण, मईयां सम्मान योजना के तहत हर महीने 2500 रूपये की राशि, महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन, ग्रामीण छात्रों तथा कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं|