नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति को हड़पने का गंभीर आरोप लगाया गया है, जिसके चलते जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की बैठक में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया और बैठक का बहिष्कार किया।
JPC बैठक में विपक्ष का वॉकआउट
सोमवार को हुई JPC की बैठक में खड़गे पर लगे आरोपों से नाराज होकर विपक्षी सांसदों ने न केवल बैठक का बहिष्कार किया, बल्कि उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। उन्होंने स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा है।
कमेटी की कार्यवाही पर सवाल
विपक्ष के सांसदों का कहना है कि JPC की कार्यवाही तय नियमों के अनुरूप नहीं हो रही है। इस बैठक में कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दी, जिसमें खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया। विपक्ष ने इस प्रेजेंटेशन को कर्नाटक सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष को बदनाम करने की कोशिश बताया।
संपत्ति हड़पने के मामले में पहले ही दी गई थी रिपोर्ट
अनवर मणिप्पाडी, जो उस समय कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के चेयरपर्सन थे, ने मार्च 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा को एक रिपोर्ट दी थी। करीब आठ साल बाद, सितंबर 2020 में यह रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई थी, जिसमें कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं के नाम शामिल थे।
केरल विधानसभा का प्रस्ताव
इसी बीच, केरल विधानसभा ने सोमवार को बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार से इस बिल को वापस लेने का आग्रह किया गया। वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बाद इसे JPC को सौंपा गया था।
कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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