रांची: टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आरोपी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की डिस्चार्ज पिटीशन पर पीएमएलए (PMLA) की विशेष अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। यह पिटीशन आरोपियों ने अपने खिलाफ आरोपों से मुक्ति पाने के लिए दाखिल की थी।
घोटाले का विवरण
आरोप है कि टेंडर आवंटन में कमीशन लिया गया था। इस मामले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम समेत कई अभियुक्तों की डिस्चार्ज पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 15 मई 2024 को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से वह जेल में बंद हैं। इससे पहले, ईडी ने फरवरी 2023 और मई 2024 में व्यापक छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति और नकदी बरामद हुई थी।
ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी
- पहली छापेमारी (21 फरवरी 2023):
- निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची, जमशेदपुर, पटना, और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी।
- वीरेंद्र राम और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया।
- दूसरी छापेमारी (6-7 मई 2024):
- इंजीनियरों, कांट्रेक्टरों, और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी (OSD) संजीव लाल के ठिकानों पर छापेमारी।
- आलमगीर आलम के ओएसडी के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से 32 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
- जांच के दायरे में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम भी आ गए और दो दिन की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
कोर्ट की प्रक्रिया
वर्तमान स्थिति:
- आलमगीर आलम की डिस्चार्ज पिटीशन पर सुनवाई पूरी।
- आरोपों से मुक्त करने का अनुरोध।
- कोर्ट का फैसला फिलहाल सुरक्षित।
- पहले खारिज हुई पिटीशन:
- वीरेंद्र राम और अन्य अभियुक्तों की पिटीशन पहले ही खारिज की जा चुकी है।
क्या है अगला कदम?
अब अदालत के फैसले का इंतजार है। यदि डिस्चार्ज पिटीशन खारिज होती है, तो आरोपियों पर विधिवत आरोप तय किए जाएंगे और मामला आगे बढ़ेगा।