Ranchi News: झारखंड की राजनीति और सामाजिक आंदोलन से जुड़े आदिवासी नेता सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले को लेकर राज्य में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने जिला स्कूल मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला और CBI जांच की मांग की।

आदिवासी संगठनों का विरोध प्रदर्शन

मार्च में शामिल नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सूर्या हांसदा की मौत एक फर्जी मुठभेड़ का परिणाम है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बुरी तरह पिटाई के बाद हत्या कर दी गई। इसके बाद घटना को एनकाउंटर का रूप देने की कोशिश की गई।

नेताओं का बयान और आरोप

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि सूर्या हांसदा ने हमेशा गरीबों और आदिवासी समाज की आवाज उठाई। उन्होंने न सिर्फ गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोला, बल्कि पत्थर माफियाओं के खिलाफ संघर्ष भी किया। इसी वजह से उनकी हत्या की गई।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता है। उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण प्राप्त पत्थर माफिया पंकज मिश्रा इस साजिश का मास्टरमाइंड है।

आदिवासी अस्मिता पर हमला बताकर भड़का आक्रोश

आदिवासी नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ सूर्या हांसदा की हत्या नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और जल-जंगल-जमीन की लड़ाई पर हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही CBI जांच शुरू नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

बड़ी संख्या में जुटा समाज

राजभवन मार्च में सरना समिति अध्यक्ष बबलु मुंडा, मुखिया संघ अध्यक्ष सोमा उरांव, संदीप उरांव, शनि उरांव, रवि मुंडा, सोनी हेमरोम, रौशन लाल मुंडा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। मार्च के दौरान “न्याय दो, CBI जांच करो” जैसे नारे लगाए गए।

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