रांची: रांची सदर अस्पताल में रविवार देर शाम आपातकालीन वार्ड में बड़ी घटना सामने आई। मरीज के परिजनों और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। इस दौरान डॉ. राजीव रंजन और डॉ. पलक जायसवाल घायल हो गए। घटना के बाद अस्पताल के सभी चिकित्सकों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज कराया।
सदर अस्पताल में डॉक्टरों पर हमला और तनावपूर्ण स्थिति
जानकारी के अनुसार, इमरजेंसी वार्ड में जब ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से पर्ची कटवाने को कहा तो परिजन भड़क गए। खुद को मंत्री का करीबी बताने वाले युवक ने साथियों के साथ मिलकर डॉक्टरों से मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दी। इस हमले से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
चिकित्सकों का विरोध और कार्य बहिष्कार
मारपीट की घटना के बाद सदर अस्पताल के सभी स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षा की मांग को लेकर एकजुट हो गए। डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ने अस्पताल परिसर में कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
पुलिस कार्रवाई और प्रशासन का हस्तक्षेप
सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार और डीएस मौके पर पहुंचे और विरोध कर रहे स्टाफ से वार्ता की। पुलिस ने घटनास्थल से चार लोगों को हिरासत में लिया। वहीं, घायल युवक को प्राथमिक उपचार के बाद रिम्स रेफर कर दिया गया। सीओ रणविजय शर्मा ने आश्वासन दिया कि अस्पताल परिसर में हर आधे से एक घंटे में पुलिस पेट्रोलिंग कराई जाएगी।
डॉक्टरों और स्टाफ की चार प्रमुख मांगें
घटना के विरोध में अस्पताल के स्टाफ ने डीआईसी रांची को ज्ञापन सौंपा है। इसमें चार प्रमुख मांगें शामिल हैं—
- सदर अस्पताल में स्थायी पुलिस पिकेट की स्थापना।
- मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का कड़ाई से अनुपालन।
- अस्पताल की अव्यवस्थाओं को दूर करने की ठोस कार्रवाई।
- सभी स्वास्थ्यकर्मियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा की गारंटी।
भविष्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि लगातार डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हो रहे हैं और कई बार राजनीतिक दबाव भी डाला जाता है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सुरक्षा की स्थायी व्यवस्था नहीं की गई तो भविष्य में और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।