रांची : नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 (RIMS-2) अस्पताल निर्माण को लेकर जारी विवाद रविवार को और तेज हो गया। ग्रामीणों ने “नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति” के आह्वान पर पारंपरिक तरीके से आंदोलन किया। इस विरोध प्रदर्शन में झारखंड लोक मंच (JLKM) के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो भी पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया।

नगड़ी जमीन पर हल जोतो, रोपा रोपो आंदोलन

रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण खेती के औजारों और बैलगाड़ी के साथ विवादित भूमि पर पहुंचे। उन्होंने हल चलाकर और धान की रोपाई कर यह संदेश दिया कि – “जमीन हमारी है, हक भी हमारा है।”
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा कि यह केवल जमीन बचाने का आंदोलन नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और सांस्कृतिक अस्तित्व की लड़ाई है।

JLKM के देवेंद्रनाथ महतो का बयान

इस मौके पर देवेंद्रनाथ महतो ने हल चलाकर प्रतीकात्मक रूप से आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकार विकास के नाम पर आदिवासियों की खेती योग्य जमीन छीनना चाहती है।
महतो ने स्पष्ट किया – “रिम्स-2 का निर्माण आवश्यक हो सकता है, लेकिन इसे किसी ऐसी जगह किया जाए जहां विवाद न हो। नगड़ी की जमीन ग्रामीणों की आजीविका और पहचान से जुड़ी है।”

सरकार पर जबरन जमीन लेने का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन खेती योग्य भूमि को जबरन अधिग्रहित करना चाहता है। उनका कहना है कि यह जमीन उनकी पुरखों की धरोहर है, जिसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
संघर्ष समिति के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी दी कि बिना सहमति किसी भी परियोजना को थोपने का प्रयास किया गया तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।

आदिवासी संगठनों का एकजुट विरोध

इस विरोध में विभिन्न आदिवासी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। उनका कहना है कि यह आंदोलन केवल नगड़ी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे झारखंड में जमीन और अधिकार की रक्षा के लिए आवाज उठाई जाएगी।

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