पाकिस्तान में 46 मिनट तक रहा पीएम मोदी का विमान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अचानक हलचल मच गई जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान 46 मिनट तक पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में रहा।
यह वाकया तब हुआ जब पीएम मोदी पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा से लौट रहे थे।
पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस अप्रत्याशित उड़ान ने पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा दिया।
बिना सद्भावना संदेश के पाक एयरस्पेस का इस्तेमाल
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस उड़ान के दौरान सद्भावना संदेश देने की परंपरा को नजरअंदाज कर दिया।
इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और भी चर्चा का विषय बना दिया।
हालांकि, विमानन उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि सद्भावना संदेश एक परंपरा है, मजबूरी नहीं।
इस्लामाबाद और लाहौर के ऊपर से गुजरा पीएम मोदी का विमान
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पीएम मोदी का विमान चित्राल से पाकिस्तान में दाखिल हुआ और इस्लामाबाद तथा लाहौर के ऊपर से उड़ान भरते हुए अमृतसर में प्रवेश किया।
विमानन क्षेत्र के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र भारत के वाणिज्यिक हवाई यातायात के लिए खुला था, इसलिए प्रधानमंत्री के विमान को उड़ान भरने में कोई विशेष सहमति की आवश्यकता नहीं थी।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से तनावपूर्ण संबंध
यह घटना उस समय की है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण थे।
2019 में बालाकोट में भारतीय एयर स्ट्राइक के बाद, पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया था।
हालांकि, मार्च 2019 में उसने अपना हवाई क्षेत्र आंशिक रूप से खोला, लेकिन भारतीय विमानों के लिए इसे प्रतिबंधित रखा गया।
कश्मीर विवाद और हवाई क्षेत्र की अनुमति
कश्मीर विवाद के चलते पाकिस्तान ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी यात्रा के लिए अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी थी।
हालांकि, दो साल बाद पाकिस्तान ने पीएम मोदी की अमेरिका जाने वाली नॉन-स्टॉप उड़ान को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति दे दी थी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की इस 46 मिनट की अप्रत्याशित यात्रा ने पाकिस्तान में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है।
इसके बावजूद, यह साफ है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मामले में नियमों का पालन करना आवश्यक है, और इस घटना से दोनों देशों के बीच के तनावपूर्ण संबंधों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है।
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