Palamu News: झारखंड के पलामू जिले में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है। नावाबाजार प्रखंड में गलत इंजेक्शन लगाने से दो माह के बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद क्लीनिक संचालक डॉ. यासीन क्लिनिक बंद कर फरार हो गया।
अवैध क्लीनिक से बच्चे की मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पलामू के छतरपुर प्रखंड के डाली गांव निवासी राजकुमार गुप्ता के दो माह के बच्चे अमूल्य को पिछले कुछ दिनों से बुखार और सर्दी-खांसी की शिकायत थी। इलाज के लिए परिजन उसे नावाबाजार स्थित डॉ. यासीन के क्लीनिक में लेकर पहुंचे।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने पहले बच्चे को भाप की मशीन लगाई और फिर इंजेक्शन दिया। इंजेक्शन लगते ही बच्चा अचेत हो गया। डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि बच्चा सो गया है, उसे घर ले जाएं। लेकिन घर पहुंचने पर परिजनों को पता चला कि बच्चे की मौत हो चुकी है।
ग्रामीणों का आक्रोश और क्लीनिक सील
मासूम की मौत की खबर फैलते ही स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए और क्लीनिक पर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलते ही नावाबाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया। इसके बाद पुलिस ने नर्सिंग होम को सील कर दिया।
आरोपी डॉक्टर फरार, पुलिस तलाश में
पुलिस के मुताबिक आरोपी डॉक्टर यासीन पलामू जिले के रेहला क्षेत्र का रहने वाला है। उसने करीब पखवाड़ेभर पहले ही इस क्लीनिक की शुरुआत की थी। बच्चे के दादा की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
अवैध क्लीनिकों पर बढ़ा सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि जिले में इस तरह के अवैध क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टर किस तरह बिना रोक-टोक के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में निर्दोष मरीजों की जान न जाए।
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