पलामू : जिले में नई शराब दुकानों के संचालन से पहले ही विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं। हरिहरगंज प्रखंड के पथरा गांव में ग्रामीणों ने ग्रामसभा आयोजित कर शराब दुकान खोले जाने का विरोध किया। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि गांव में प्रस्तावित दुकान को तत्काल निरस्त किया जाए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पथरा गांव तीन ओर से बिहार के औरंगाबाद जिले से घिरा हुआ है। पहले से ही शराब की अवैध बिक्री एक गंभीर समस्या है। ऐसे में नई दुकान खुलने से नशाखोरी बढ़ेगी और गांव का सामाजिक वातावरण बिगड़ेगा। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि इससे युवाओं और बच्चों का भविष्य प्रभावित होगा तथा अपराध की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
बेलवाटिका चौक में शराब दुकान के खिलाफ प्रदर्शन
इसी क्रम में, डालटनगंज शहर के बेलवाटिका चौक पर प्रस्तावित कंपोजिट शराब दुकान को लेकर भी विरोध प्रदर्शन हुआ। लाइसेंसधारी द्वारा स्टेशन रोड की जगह बेलवाटिका जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में दुकान खोलने की तैयारी पर स्थानीय लोगों ने कड़ा एतराज जताया।
मंगलवार देर रात ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और बुधवार को प्रस्तावित उद्घाटन से पहले ही प्रदर्शनकारियों ने मोर्चा संभाल लिया। ग्रामीणों का कहना है कि बेलवाटिका चौक रिहायशी इलाका है, जहां शराब दुकान खुलने से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर असर पड़ेगा। साथ ही असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।
70 नई शराब दुकानों को लाइसेंस
उत्पाद विभाग के अनुसार, पलामू जिले में कुल 70 नई शराब दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। इनमें 7 देसी और 63 कंपोजिट शराब दुकानें शामिल हैं। ई–लॉटरी प्रणाली के माध्यम से जिले भर से 477 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिन्हें 28 समूहों में बांटकर अनुज्ञप्ति जारी की गई है।
विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025–26 में इन दुकानों से 112 करोड़ 30 लाख रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। केवल हरिहरगंज क्षेत्र की दो दुकानों से ही 23 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जनआक्रोश को लेकर प्रशासन पर दबाव
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि रिहायशी इलाकों में शराब दुकानों की स्थापना से सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होगा। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप कर नई दुकानों को तुरंत बंद करने की मांग की है।