पलामू (झारखंड) — पलामू जिले के पांडू प्रखंड अंतर्गत एक हृदयविदारक घटना में 6 वर्षीय मासूम की बांकी नदी में डूबने से मौत हो गई। यह घटना मंगलवार की सुबह की है, जिसने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। मृतक की पहचान इंदल कुमार के रूप में हुई है, जो अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए बांकी नदी गया था।
कैसे हुई दुर्घटना
जानकारी के अनुसार, इंदल अपने कुछ दोस्तों के साथ रोज़ की तरह सुबह-सुबह गांव के पास बह रही बांकी नदी में नहाने गया था। नदी में जल स्तर सामान्य से अधिक था और इंदल को पानी की गहराई का अंदाज़ा नहीं लग पाया। नहाते समय वह गहरे पानी में चला गया और तेज बहाव के कारण बहने लगा।
करीब एक किलोमीटर दूर पर गांव के ही एक व्यक्ति ने नदी में बहते हुए इंदल को देखा। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तुरंत पानी में कूदकर उसे बाहर निकाला और आनन-फानन में पांडू स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। हालांकि, डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के अनुसार, अस्पताल लाने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलते ही पांडू थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और परिजनों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नदी-नालों के पास अकेला न भेजें।
पुलिस प्रशासन ने कहा कि मानसून और गर्मी के समय नदियों में जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे दुर्घटना की संभावना भी अधिक रहती है। बच्चों को ऐसी जगहों से दूर रखना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
ग्रामीणों ने की सुरक्षा उपायों की मांग
इस दुखद हादसे के बाद ग्रामीणों में रोष और चिंता दोनों देखी गई। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर बच्चे गर्मी के मौसम में नदी और तालाब में नहाने चले जाते हैं, जहां पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं होने के कारण ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बांकी नदी और अन्य जल स्रोतों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और जहां आवश्यक हो वहां बैरिकेडिंग की जाए। साथ ही, बच्चों को नदी-तालाब से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
पांडू क्षेत्र में मासूम की मौत से फैला मातम
इंदल की असमय मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। गांव में मातमी माहौल है और लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। बच्चे के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ी त्रासदी बनकर सामने आया है।
बच्चों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों में पलामू जिले में नदियों में डूबने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जानकारों का मानना है कि बच्चों के लिए तैराकी सिखाने की पहल और नदियों के किनारे सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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